नित्य संदेश ब्यूरो
मुंबई: एण्डटीवी के शोज ‘भीमा‘, ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ और ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में इस हफ्ते नॉन-स्टॉप एंटरटेनमेंट का आनंद उठाने के लिये तैयार हो जाईये।
एण्डटीवी के ‘भीमा‘ के बारे में बताते हुये कैलाशा बुआ ऊर्फ नीता मोहिन्द्रा ने कहा, ‘‘भीमा (तेजस्विनी सिंह) का बढ़ता प्रभाव अब न सिर्फ़ उसके परिवार, बल्कि पूरे गांव की जड़ों को हिला रहा है। इधर फुलमतिया को बिंदिया पर झूठा इल्ज़ाम लगाने की भारी कीमत चुकानी पड़ती है, उधर कैलाशा बुआ (नीता मोहिन्द्रा) भीमा को रास्ते से हटाकर अपनी पुरानी सत्ता वापस पाने की एक खौफनाक साज़िश रचती है। तनाव तब और बढ़ जाता है जब विशंभर (विक्रम द्विवेदी) और कालिका सिंह (मयंक मिश्रा) के बीच सीधी भिड़ंत हो जाती है। तभी मीरा (आयुषी जीना) निडर होकर सामने आती है, अपने बरसों के दर्द का सामना करती है और कालिका सिंह को एक ज़ोरदार थप्पड़ जड़ देती है। उसकी इस हिम्मत पर विशंभर उसकी और भी इज्जत और विश्वास करने लगता है। इस बीच भीमा डरी हुई ज़रूर है लेकिन टूटी नहीं है। वो बाबासाहेब (अथर्व) की सीखों से हिम्मत पाती है और बबीता के साथ हुई साज़िश के पीछे के असली गुनहगार को बेनकाब करने निकल पड़ती है। वह उस आदमी को पकड़ती है जिसने चेन के बारे में झूठ बोला था और उसे उसके अजन्मे बच्चे की कसम दिलवाने ही वाली होती है कि तभी कैलाशा बुआ सच्चाई को दबाने के लिये पहुंच जाती है। लेकिन इस बार भीमा तैयार है- एक छिपी रणनीति और विशंभर के गुप्त समर्थन के साथ।
पुलिस छापे में रिश्वत का पैसा सामने आते ही कैलाशा बुआ की चालें धरी की धरी रह जाती हैं। अब भीमा, डॉ. आंबेडकर की शिक्षाओं से प्रेरित होकर, सीधे थाने की ओर एक साहसी जन आंदोलन की अगुवाई करती है। गांववाले उसके साथ खड़े हो जाते हैं, और भ्रष्ट तंत्र के सामने भीमा एक इंच भी पीछे नहीं हटती। नाटकीय मोड़ तब आता है जब भीमा नकली पुलिस दस्तावेज़ों की पोल खोल देती है और गांव वालों का भरोसा जीत लेती है।
वहीं दूसरी ओर, जब मुरारी की पत्नी सड़क किनारे प्रसव पीड़ा में होती है, तो कैलाशा बुआ बेरहमी से मुंह मोड़ लेती है, लेकिन धनिया (स्मिता सेबल) मदद के लिए आगे आती है। क्या वो इस बच्चे को सफलतापूर्वक दुनिया में ला पाएगी?
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