नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। प्रख्यात बाल अधिकार
अधिवक्ता व जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) के संस्थापक भुवन ऋभु को वर्ल्ड लॉ
कांग्रेस की बैठक में वर्ल्ड ज्यूरिस्ट एसोसिएशन (डब्ल्यूजेए) ने प्रतिष्ठित ‘मेडल
ऑफ ऑनर’ से सम्मानित किया है। वे यह सम्मान पाने वाले पहले भारतीय हैं।
भुवन ऋभु का उत्तर प्रदेश
और खास तौर से मेरठ से गहरा नाता रहा है, जहां जेआरसी के सहयोगी के तौर पर जनहित फाउंडेशन
में बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए जमीनी स्तर पर काम किया। गौरतलब है कि बाल अधिकारों
की सुरक्षा के लिए जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन दुनिया का सबसे बड़ा कानूनी हस्तक्षेप
नेटवर्क है, जिसके सहयोगी संगठन देश के 416 जिलों में जमीन पर काम कर रहे हैं। वर्ष
1963 में स्थापित वर्ल्ड ज्यूरिस्ट एसोसिएशन दुनिया के विधिवेत्ताओं की सबसे पुरानी
संस्था है, जिसने न्याय के शासन की स्थापना में अपने योगदान के लिए विंस्टन चर्चिल,
नेल्सन मंडेला, रूथ बेडर गिन्सबर्ग, स्पेन के राजा फेलिप षष्टम, रेने कैसिन और कैरी
कैनेडी जैसी ऐतिहासिक हस्तियों को सम्मानित किया है।
अंतरराष्ट्रीय सम्मान मेरठ
के लिए गर्व की बात: अनीता
जेआरसी के संस्थापक को
मिले इस प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय सम्मान पर सहयोगी संगठन जनहित फाउंडेशन की निदेशिका
अनिता राणा ने कहा, “यह सिर्फ भुवन का व्यक्तिगत सम्मान नहीं है, यह हम उन सभी लोगों
के लिए अत्यंत गर्व का पल है जो प्रत्येक बच्चे की सुरक्षा के लिए जमीन पर काम कर रहे
हैं। वर्ल्ड ज्यूरिस्ट एसोसिएशन ने उनके कार्यों को जो मान्यता दी है, वह हम सभी के
संघर्ष और विश्वास का सम्मान है।
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