नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। आचार्य ज्ञान सागर क्षाणी वालों का जन्मदिवस भक्ति पूर्वक मनाया गया. सर्वप्रथम भगवान को पांडूशीला पर विराजमान कर अभिषेक किया गया. जिसका सौभाग्य सुनील जैन प्रवक्ता को प्राप्त हुआ. तत्पश्चात भगवान महावीर स्वामी तथा देव शास्त्र गुरु की पूजा की गई, उसके अपरांत आचार्य श्री ज्ञान सागर महाराज की पूजा की गई तथा श्रीफल अर्पित किए गए।
मुरैना में व्यवसायी शांतिलाल जैन के परिवार में 1 मई 1957 को जन्मे ज्ञान सागर ने युवा अवस्था में वैराग्य धारण कर लिया था।भारत में श्रमण परंपरा के पुन: स्थापित करने वाले आचार्य शांति सागर महाराज क्षाणी परंपरा के आचार्य ज्ञान सागर प्रसिद्धि से दूर रहते थे। आचार्य श्री कठोर तप करते थे,उन्हें कभी लेटे नहीं देखा गया। वह बैठे-बैठे ही कुछ घंटों की नींद लेते थे। उनकी आध्यात्मिक आभा ऐसी थी कि जो व्यक्ति उनके संपर्क में आता था वह उन्हें अपना संरक्षक समझता था। युवा वर्ग विशेषकर उनसे बहुत प्रभावित रहा।
सायं कल मंदिर में भक्तांबर पढ़कर 48 दिए अर्पित किए गए. इन सभी क्रियो में राजीव जैन, अरुण जैन, अचल जैन, चैतन्य जैन, जितेंद्र जैन आदि प्रमुख भक्तगण उपस्थित रहे।
No comments:
Post a Comment