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Saturday, May 31, 2025

प्रशासनिक टीम को मिला जमीन पर कब्जा, गिराया जाएगा अवैध निर्माण


- मेरठ तहसील के थाना इंचौली के गांव नंगला शेखू का मामला

- विधवा महिला के खेत की ओर कर रखी थी गंदे पानी की निकासी, निकासी बंद करने पर दी जा रही थी धमकी

नित्य संदेश ब्यूरो 
मेरठ। पड़ोसियों की दबंगई और मनमानी से परेशान एक विधवा महिला को लंबे इंतजार के बाद न्याय मिला। दरअसल, पड़ोसियों ने विधवा महिला के खेत में गंदे पानी की निकासी कर रखी थी। साथ ही दस्तावेजों में दर्ज जमीन से अधिक हिस्से में निर्माण भी किया गया था। इसकी पुष्टि तब हुई जब तहसीलदार ने राजस्व टीम के साथ जांच पड़ताल की। मामले में तहसीलदार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए निकासी बंद कराई और अवैध निर्माण को पांच दिन गिराने के निर्देश दिए हैं।

यह पूरा मामला मेरठ तहसील के गांव नंगला शेखू का है। गांव में विधवा महिला ओमवती का परिवार रहता है। उनके पति विजयपाल सिंह की मौत काफी समय पहले हो चुकी है। चौंकाने वाली बात यह है कि महिला के दो पुत्रों की भी मौत हो चुकी है। जबकि, एक बेटा उनके साथ खेती बाड़ी का काम देखता है। वहीं, उनके दो मृत बेटों के परिवार की जिम्मेदारी भी महिला व उसके बेटे पर है। आरोप है कि गांव के ही अजित मलिक, सुभाष मलिक, विनोद मलिक आदि के खेत उनके खेत से लगे हुए हैं। बताया कि लगभग एक साल पहले अजित पक्ष ने अपने खेतों मकान के अलावा ग्राउंड का निर्माण कराया। लेकिन, गंदे पानी और मकान के पानी की निकासी जबरन ओमवती के खेतों की ओर कर दी। इसकी शिकायत जब ओमवती ने अजित पक्ष से की तो उन्होंने धमकी दी। उसके बाद वह थाने से लेकर तहसील के चक्कर काटती रही। करीब एक साल से वह अधिकारियों के चक्कर काट रही थी। लेकिन, हाल ही में एक बार फिर एसडीएम अंकित कुमार से फरियाद लगाई। उन्होंने मामले की जांच तहसीलदार ज्योति सिंह को सौंपी। शनिवार को ज्योति सिंह राजस्व टीम के साथ गांव पहुंची और जांच पड़़ताल की। जांच में पाया कि अजित पक्ष ने गंदे पानी के निकासी गलत तरीके से गंदे ओमवती कि ओर कर रखे है। 
वहीं, ओमवती व अजित पक्ष जमीन की पैमाइश भी कराई गई। जिसमें पाया कि अजित पक्ष ने भूलेखों में दर्ज जमीन से अधिक रकबा कब्जा रखा है और उसमें निर्माण कर रखा है। ऐसे में ज्योति सिंह ने अजित पक्ष को भूलेखों में दर्ज जमीन से अधिक रकबे की निशान देही कराते हुए आदेशित किया कि वह तत्काल गंदे पानी कि निकासी को पूरी तरह बंद कर दे और पांच दिन के भीतर अवैध निर्माण को स्वतः गिरा दे। तय समय पर निर्माण नहीं गिराया गया तो प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।

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