अशोक कुमार
नित्य संदेश, डेस्क। ब्रह्माण्ड में सत्य शक्तियां विचरण कर रही है और धरातल पर आसुरी शक्तियों का प्रभाव, जिससे हर एक जीव आत्मा जो सत्य की उपासना करने की कोशिश करती है या पुर्व काल की विशेष कृपा प्राप्त जीव आत्मा धरती पर किसी मानव पर स्थापित होना चाहती है तो आसुरी शक्तियां उस पर अपना अधिपत्य स्थापित कर लेती है।
यहां आपको बता दें इंसान की कमजोरियां प्रथम धन की कमी को पूरा व रोगियों को निरोगी जैसे चमत्कार दिखा कर भक्त को दिशा हिन किया जाता है और चारों तरफ जय जयकार होते देख लोग और भक्त समझते हैं, यह सब देवी-देवता कर रहे हैं, लेकिन यह असत्य है। जहां पर स्वयं भगवान की मौजूदगी होगी, वहां किसी शरीर में हरकत नहीं होगी या ऐसे समझें कि वहां तक वह व्यक्ति पहुंच नहीं पायेगा। अब आपका प्रश्न होगा धरातल पर देवी देवता लोगों का इलाज करते हैं। यह जटिल समस्या है। जब कोई मनुष्य भक्ति पूजा या आराधना करने लगता है तो उसका शरीर कुछ सुचनाएं देने लगता है और कहीं कहीं लोगों के शरीर पर शक्ति खेल कर संदेश देने लगती है तभी आस-पास आशुरी शक्तियां अपना खेल शुरू कर देती है और स्वयं भगवान शिव माता काली या भक्त का देवता बनकर सारे काम करने शुरू कर देता है।
शक्ति बताती है हम इंसान/भक्त के माध्यम से अपने कार्य जो शक्तियां करना चाहती है लेकिन भक्त की अज्ञानता के कारण आशुरी शक्तियां के चंगुल में कैद होकर रह जाती है। भगवान को इस धरती पर साफ शरीर चाहिए । जहां पर शक्तियों के नाम पर सब-कुछ फल फुलने लगता है और समय रहते अपने में सुधार व देवी देवता के प्रति निष्ठा भाव पर ध्यान नहीं दिया जाता तो शक्ति क्रोधित होकर सममूल नष्ट कर देती।
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