नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। चौ॰ चरण सिंह विश्वविद्यालय के विधि अध्ययन संस्थान में सूचना प्रौद्योगिकी: समकालीन युग में मुद्दे और
चुनौतियाँ विषय पर एक विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य
सूचना प्रौद्योगिकी के विभिन्न आयामों, उसके विकास एवं प्रभाव पर चर्चा
करना तथा वर्तमान परिदृश्य में सामने आ रही चुनौतियों और अवसरों को समझना था।
कार्यक्रम का उद्घाटन संस्थान के समन्वयक डॉ॰ विवेक कुमार एवं प्रमुख अतिथि
तथा मुख्य वक्ता डॉ॰ निधि सक्सेना (एसोसिएट प्रोफेसर, विधि संकाय, दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली) द्वारा किया गया। समन्वयक डॉ॰ विवेक कुमार ने उद्घाटन भाषण में सूचना प्रौद्योगिकी की समकालीन
व्यवस्था की अनिवार्यता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार प्रौद्योगिकी
के विकास ने आम जनमानस के जीवन में सुगमता एवं सुरक्षा के नए आयाम जोड़े हैं।
उन्होंने विशेष रूप से व्यक्तिगत जानकारी के संरक्षण एवं उसकी सुरक्षा की महत्ता
को रेखांकित किया। मुख्य वक्ता डॉ॰ निधि सक्सेना ने बताया कि डिजिटल क्रांति ने
सम्पूर्ण विश्व को एक परिवार या गाँव में परिवर्तित कर दिया है। इस परिवर्तन ने
वैश्विक कनेक्टिविटी, आर्थिक विकास, दक्षता एवं उत्पादकता में वृद्धि की है। डॉ॰ सक्सेना
ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 एवं 2008 के प्रावधानों का विश्लेषण किया तथा प्रस्तावित डाटा
प्रोटेक्शन कानून का तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ॰
अपेक्षा चौधरी ने सुनिश्चित किया। इस आयोजन में विधि अध्ययन संस्थान के प्रतिष्ठित
शिक्षक एवं शोधार्थी डॉ॰ सुदेशना, आशीष कौशिक, डॉ॰ विकास कुमार, डॉ॰ महिपाल, डॉ॰ सुशील कुमार शर्मा, डॉ॰ मीनाक्षी झ्र ने भाग लिया।
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