नित्य
संदेश ब्यूरो
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में साहित्यिक-सांस्कृतिक परिषद् एवं शिक्षा विभाग के सयुक्त तत्वावधान में
उत्तर प्रदेश शासन के आदेशानुसार, डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती (14 अप्रैल) के उपलक्ष्य में अनुसूचित जाति
के विद्याथियों के मध्य भाषण प्रतियोगिता का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
यह प्रतियोगिता विभिन्न चरणों में संपन्न होनी है, जिसमें आज का आयोजन प्रथम चरण था। प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय स्तर पर कुल 17 विद्याथियों ने भाग लिया और डॉ. भीमराव अंबेडकर के विचार, संविधान निर्माण में उनके योगदान, तकनीकी युग में सामाजिक एवं
आर्थिक विषमताएं तथा आधुनिक भारत के समावेशी
मार्ग जैसे विषयों पर प्रभावशाली विचार प्रस्तुत किए। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के
रूप में डॉ. धीरेन्द्र कुमार एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ. अरुण कुमार उपस्थित
रहे। कार्यक्रम की गरिमा को और अधिक ऊंचाई प्रदान करते हुए शिक्षा संकायाध्यक्ष
एवं विभागाध्यक्ष प्रो. राकेश कुमार शर्मा ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
कार्यक्रम में डॉ. नीलू जैन गुप्ता एवं डॉ. के.के. शर्मा, संयोजक — साहित्यिक-सांस्कृतिक परिषद्, ने भी सहभागिता की और अपने सारगर्भित विचार प्रस्तुत करते हुए डॉ. भीमराव
अंबेडकर के विचारों, उनके संघर्ष, संविधान निर्माण में उनके योगदान एवं सामाजिक समरसता की प्रासंगिकता पर
विस्तार से प्रकाश डाला। उनके विचार छात्रों के लिए अत्यंत प्रेरणादायी रहे।
प्रतियोगिता में प्रस्तुत भाषणों का मूल्यांकन निर्णायक मंडल डॉ. अंशु अग्रवाल, एसोसिएट प्रोफेसर, मनोविज्ञान, डॉ. सुशील कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर, वनस्पति विज्ञान विभाग, एवं डॉ. विवेक नौटियाल
असिस्टेंट प्रोफेसर, भौतिकी विभाग द्वारा किया गया।
जिसमें कशिश ने पहला, शैलजा पारस ने दूसरा एव अनिमेष ने तीसरा स्थान प्राप्त किया, जबकि निशा एवं
मंजीत ने सांत्वना पुरस्कार प्राप्त किया।
कार्यक्रम समन्वयक डॉ. जितेन्द्र सिंह गोयल, सहायक प्रोफेसर, शिक्षा विभाग, जिन्होंने पूरे आयोजन में महत्त्वपुर्ण भूमिका निभाई। आयोजन की सफलतापूर्वक
रूपरेखा तैयार करने और उसके निष्पादन में डॉ. मुकेश कुमार, डॉ. अर्चना चौधरी, डॉ. ए.के. सिंह एवं डॉ.
धर्मेन्द्र कुमार ने अपनी भूमिका निभाई एवं आयोजन का सफल संचालन आयुषी ठाकुर शोध
छात्रा द्वारा किया गया। यह आयोजन छात्रों में संविधान और सामाजिक न्याय के
मूल्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाने में सहायक रहा।
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