सुहैल खान
नित्य संदेश, मुज़फ्फरनगर। जनपद के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान शाह वलीउल्लाह इस्लामिक अकैडमी, जो जामा मस्जिद हौज़वाली, लोहिया बाज़ार में स्थित है, में एक शैक्षिक जागरूकता सम्मेलन का भव्य आयोजन किया गया।
सम्मेलन की शुरुआत क़ारी शौकत अली द्वारा पवित्र कुरआन की तिलावत से हुई। इसके बाद प्रसिद्ध शायर उस्ताद अबुल कलाम कलीम चर्थावली ने नात-ए-पाक का नजराना पेश कर उपस्थितजनों को भावविभोर कर दिया। सम्मेलन की अध्यक्षता महरिक-ए-मिल्लत क़ारी मोहम्मद खालिद बशीर क़ासमी, संस्थापक अकैडमी ने की। अपने अध्यक्षीय भाषण में उन्होंने कहा कि इस्लाम का आरंभ पवित्र कुरआन से हुआ है और कुरआन ही इस्लाम की नींव और बुनियाद है। कुरआन-ए-मजीद समस्त लाभकारी ज्ञानों का स्रोत है, इसी कारण इस्लाम ने ज्ञान की प्राप्ति और प्रसार को अत्यंत आवश्यक बताया है।
उन्होंने कहा कि ज्ञान का प्रचार और प्रसार पैगंबर-ए-इस्लाम की प्राथमिकताओं में शामिल था, जिसके चलते सहाबा-ए-किराम ने भी ज्ञान को सबसे ऊपर रखा। परिणामस्वरूप एक शिक्षित समाज अस्तित्व में आया, जिसके स्त्री-पुरुषों ने बिना किसी भेदभाव के दुनिया की क़िस्मत को संवारा। उन्होंने अंधकार में डूबी दुनिया को रोशनी दी और मृतप्राय मानवता में मार्गदर्शन और बुद्धिमत्ता की आत्मा फूंकी। समूचे विश्व में ज्ञान और विज्ञान की क्रांति आई और इंसानियत ने सफलता, समृद्धि और विकास की बेमिसाल मिसालें कायम कीं।
इसी संदेश को आम करने और आगे बढ़ाने के लिए शाह वलीउल्लाह इस्लामिक अकैडमी पिछले पच्चीस वर्षों से ज्ञान के प्रसार और शैक्षिक जागरूकता के लिए निरंतर प्रयासरत है, ताकि समाज में शिक्षा प्राप्त करने की भावना को आम किया जा सके। विशेष रूप से नई पीढ़ी और बच्चों के लिए हर हाल में शिक्षा सुनिश्चित की जा सके। शाह इस्लामिक अकैडमी द्वारा चलाई जा रही शैक्षिक जागरूकता मुहिम के ज़रिए शिक्षा का संदेश हर व्यक्ति तक पहुँचाया जाएगा।
सम्मेलन में अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व सदस्य मुफ्ती ज़ुल्फ़िकार अली, मुफ्ती ज़हीर अहमद अलीग, प्रसिद्ध शायर और साहित्यकार डॉ. ताहिर क़मर मीरानपुरी, प्रोफ़ेसर अब्दुस्सत्तार (डीएवी कॉलेज), मशहूर लेखक नादिर राना, मास्टर दानिश क़ुरैशी, मास्टर शहज़ाद अली, शाहबाज़ क़ुरैशी (एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट) तथा मोहब्बूब आलम एडवोकेट ने अपने विचार व्यक्त किए। इसके अतिरिक्त मास्टर अख्तर खान, मौलाना इशरत अली, परवेज़ रसूल, अब्दुल्लाह क़ुरैशी, मुहम्मद अखलद, बशीर हुसैन अहमद ने विशेष रूप से सम्मेलन में भाग लिया।
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