-जाग्रति विहार एक्सेटेशन में धीरेन्द्र शास्त्री की हनुमंत कथा
आरंभ, पूरा पंडाल जय जय राम की जयकार से गूंज उठा
नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। मंगलवार से जाग्रति विहार एक्सटेशन में पांच दिवसीय धीरेन्द्र शास्त्री
की हनुमंत कथा का शुभारंभ श्रीराम जय राम जय जय राम की आरती के साथ आरंभ हुआ। उनके
साथ भक्तों ने भी आरती की। आरती के बाद पूरे पंडाल में जय जय राम की जयकार सुनाई दी। कथा
सुनने के लिए उत्तर प्रदेश के साथ-साथ दिल्ली, हरियाणा,
राजस्थान, मध्य प्रदेश, बिहार
जैसे प्रदेशों से भी लोग पहुंच रहे हैं। पंडित धीरेंद्र शास्त्री की वेस्ट यूपी
में यह पहली कथा है। पंडाल सज चुका है, इसमें 1 लाख लोगों के
बैठने की व्यवस्था है।
दोपहर दो बजे आरंभ हुई हनुमंत कथा में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा- मेरठ से ही
1857 की क्रांति की शुरुआत हुई। हमारा सौभाग्य है कि मेरठ आने का मौका मिला। 5
दिनों तक कथा में सबको हम शिव बनाकर जाएंगे। आज की कथा का सूत्र है, मस्त रहो।
व्यस्त रहो, मस्त रहो। जो मस्त रहता है, उसके पास सब होता है। कहा- जीवन में संगत का बहुत असर पड़ता है, जैसी संगत में रहोगे, वैसा ही आपका चरित्र होगा।
हनुमान की संगत में रहो। हनुमान की संगत से विभीषण को श्री राम मिले। सुग्रीव को
श्री राम मिले। ऐसे में हनुमान जी की संगत में रहोगे तो श्रीराम मिलेंगे। पंडित
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा- जो हनुमान जी की भक्ति करेगा, वह
तोड़ने का काम नहीं करेगा। वह सबको जोड़ने का काम करेगा। हनुमान जी ने विभीषण को
राम से जोड़ा, जानकी माता का थोड़ा सा बिखराव हो गया तो फिर
से जोड़ा, सुग्रीव और अंगद जी को जोड़ा। मेरठ वालों को
बागेश्वर धाम से जोड़ दिया। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा- किसी को बुरा लगे तो
हाजमोला की गोली खा लेना। औरंगजेब तोड़ने वाला है। हनुमान जी के भक्त तो जोड़ने
वाले हैं। तोड़ने वाले वह हैं जो फूट चाहते हैं और जोड़ने वाले वह हैं जो हनुमान
जी को चाहते हैं।
मेरठ वालों चित्र चाहे जैसा भी हो, पर चरित्र बढ़िया होना चाहिए
शास्त्री ने कहा- कथा में सब श्रोता नहीं आते हैं, कुछ सेल्फी
वाले भी आते हैं। अब इस टकले-मोटे को ही देखिए। कैमरामैन, इन
पर फोकस कीजिए... बताओ पूरी कथा में हमने कितने प्रवचन कह दिए इन पर कोई असर नहीं
हुआ सिर्फ सेल्फी लेने के लिए ये उठे हैं। सेल्फी भी गजब की ले रहे हैं, मुंह टेढ़ा कर करके... ऐसा लग रहा आधा पैरालाइज हो गया है। बुरा मत मानना
मेरठ वालों चित्र चाहे जैसा भी हो पर चरित्र बढ़िया होना चाहिए।
शास्त्री बोले- धन्य है डिजिटल पिटाई...
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, जब यह मोबाइल नहीं आया था, तब रामायण
हुआ करती थी। पूरा परिवार बैठकर पढ़ता था। आजकल मॉडर्न जमाना आ गया है। मोबाइल ने
इतना दिमाग खराब कर दिया है कि आप अलग कमरे में बेटा अलग कमरे में, लुगाई अलग कमरे में है... सब व्हाट्सएप पर फिक्स है। इधर बाप बेटे को
मैसेज भेज रहा है- बेटा मोबाइल ना चला पढ़ ले। उधर से बेटा कह रहा है- पापा पढ़
रहा हूं। इधर से बाप मैसेज कर रहा है झूठ मत बोल। मुक्का मारने का इमोजी भेज रहा
है। उधर से बेटे ने रोने वाला इमोजी भेज दिया... बताओ क्या जमाना आ गया, पिटाई भी हो गई, रुलाई भी हो गई और गाल पर एक तमाचा
भी नहीं लगा। धन्य है डिजिटल पिटाई।
हनुमान जी से संघर्ष सीखो, जिन घरों में मां-बाप, वो अमीर
हनुमान जी से संघर्ष करना सीखो। हनुमान जी से सीखो कि हमें तोड़ना नहीं, लोगों को
जोड़ना है। विनम्रता हम लोगों का गुण होना चाहिए। विनम्रता आएगी तो सम्मान होगा।
अहंकार आएगा तो अपमान होगा।कहा- उन्होंने कहा कि आजकल अमीर उन्हें माना जाता है।
जिनके घरों में बड़े-बड़े कुत्ते बंधे हों। बड़े वो होते हैं जो जिनके माता पिता
उनके घरों में होते हैं।
मेरठ का बच्चा बोला- मास्टर हिम्मत है तो पास करके दिखा
चुटकी लेते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने एक कहानी सुनाई। कहा कि एक बच्चे ने पेपर
में लिखा कि मास्टर, तुझमें दम है तो पास करके दिखा। मास्टर ने पता किया तो सामने
आया कि वह बच्चा मेरठ का है। यह सुनकर पंडाल में बैठे लोग ठहाके लगाकर हंसने लगे।
भजनों के बीच तालियों की गड़गड़ाहाट से पंडाल गूंज उठा।
हनुमान जी का जाप करो, आपका अमंगल टूट जाएगा
धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा जो अमंगल को मंगल करे, वह हनुमान जी
का भक्त। उन्होंने कहा कि अगर कुंडली में मंगल दोष है तो हनुमान जी के रोज दर्शन
करो। हनुमान जी की उपासना करो। अमंगल टूट जाएगा। हनुमान जी का जीवन मंगलकारी है।
अगर आप हनुमान जी का जाप करोगे तो आपके घर में होने वाला अमंगल टूट जाएगा।
जो मस्त रहता है उसके पास सब होता है
धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा मेरठ शिव नगरी है। ये मंदिरों की नगरी है। मेरठ
वीरों की भूमि, पांडवों की भूमि है। मेरठ खेल की भूमि, कैंची
की भूमि है। मेरठ से ही 1857 की क्रांति की शुरुआत है। हमारा सौभाग्य है कि मेरठ
आने का मौका मिला। 5 दिनों तक कथा में सबको हम शिव बनाकर जाएंगे। आज की कथा का
सूत्र है मस्त रहो। व्यस्त रहो, मस्त रहो। जो मस्त रहता है
उसके पास सब होता है।
राम भजनों पर जमकर झूमे भक्त
धीरेंद्र शास्त्री ने पांडाल में मौजूद भक्तों को भगवान श्रीराम के बारे में
बताया। उनके चरित्र से प्रेरणा लेने की बात कही। उन्होंने कहा- हर किसी को प्रभु
श्रीराम और माता सीता के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। लक्ष्मण से भाई होने की
प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने भगवान राम और मां सीता का भजन गाया तो भक्त खुद को
रोक नहीं सके। उठ कर डांस करने लगे। मेरठ की कुसम लता ने कहा- मैं करीब दो-तीन साल
से धीरेंद्र शास्त्री को सुन रहीं हूं। मेरे पैरों में दिक्कत है, फिर भी मैं आई।
अब मुझे कोई दिक्कत नहीं हो रही है। मैं बहुत खुश हूं। राम-कृष्ण को नहीं देखा,
मगर उनसे कम नहीं है धीरेंद्र शास्त्री। उनके जैसा लड़का हर घर में
हो जाए तो देश सोने की चिड़िया हो जाएगा। बच्चे भी सुनने पहुंचे, बोले- कथा सुनना अच्छा लगता है।
कथा के कडी सुरक्षा व्यवस्था
जाग्रति विहार एक्सटेशन पर पांच दिन चलने वाली हनुमंत कथा के लिए पुलिस की ओर
से कडी सुरक्षा व्यवस्था की गयी है। 6 पार्किंग, 6 ही
एंट्री-एग्जिट गेट और 1 वीआईपी पार्किंग बनाई गई है। 6 एंट्री-एग्जिट गेट हैं ।कथा
स्थल के हर रास्ते पर दिशा सूचक लगाए जाएंगे, ताकि लोग आसानी
से पहुंच सके। श्रद्धालुओं के लिए 300 टॉयलेट बनाए गए हैं। 3 एम्बुलेंस, 5 फायर ब्रिगेड की गाड़ियां रहेंगी। 50 पानी के टैंकर आयोजन स्थल के आसपास
रहेंगे। कथास्थल पर 20 बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई गई हैं। पूरे
क्षेत्र में भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है।
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