नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ के अंग्रेज़ी विभाग द्वारा आयोजित आईसीएसएसआर (ICSSR) प्रायोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन "कंटेस्टिंग स्पेस, ब्रेकिंग कन्वेंशन: कंटेम्पररी लिटरेरी लैंडस्केप एंड पॉपुलर लिटरेचर" का भव्य शुभारंभ 27 मार्च 2025 को विश्वविद्यालय के अटल सभागार में हुआ।
इस अवसर पर देशभर के प्रतिष्ठित विद्वानों, संकाय सदस्यों और शोधार्थियों ने समकालीन साहित्यिक प्रवृत्तियों और लोकप्रिय साहित्य की बदलती परिभाषाओं पर संवाद स्थापित किया। सम्मेलन की अध्यक्षता कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने की, जबकि संयोजक एवं अंग्रेज़ी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर रविंद्र कुमार ने स्वागत भाषण के माध्यम से सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का अभिनंदन किया। प्रो. रविंद्र कुमार ने कहा कि ऐसे अकादमिक आयोजनों के माध्यम से बौद्धिक विमर्श को गति मिलती है और साहित्य की भूमिका को व्यापक परिप्रेक्ष्य में समझा जा सकता है।
कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि साहित्य समाज को दिशा देने की क्षमता रखता है और विद्यार्थियों को सृजनात्मक लेखन के लिए प्रेरित करना समय की आवश्यकता है। इस अवसर पर शोध निदेशक प्रो. बीर पाल सिंह ने विश्वविद्यालय द्वारा प्राप्त शैक्षणिक उपलब्धियों का उल्लेख किया। मुख्य वक्ताओं में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के प्रो. प्रमोद कुमार मेहरा ने कहानी कहने की कला में कल्पना और यथार्थ के संतुलन पर अपने विचार रखे।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला के पूर्व कुलपति प्रो. एस. डी. शर्मा ने साहित्य के ऐतिहासिक विकास पर रोशनी डालते हुए कहा कि आज का लोकप्रिय साहित्य कल का शास्त्रीय साहित्य बन सकता है। बिहार के नालंदा विश्वविद्यालय से विज़िटिंग प्रोफेसर प्रो. श्रवण कुमार शर्मा ने “जीवन विडंबनाओं से भरा है”— इस विचारोत्तेजक टिप्पणी से अपने वक्तव्य की शुरुआत करते हुए साहित्य के विविध आयामों—ब्रह्मांड विज्ञान, समाजशास्त्र एवं मानवशास्त्र—को रेखांकित किया। उन्होंने शिक्षकों की साहित्यिक विमर्श में भूमिका और समकालीन लोकप्रिय लेखकों के योगदान पर भी प्रकाश डाला। पहले दिन का कार्यक्रम पैनल चर्चा और प्रश्नोत्तर सत्रों के साथ संपन्न हुआ, जिसमें प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
सायंकालीन सत्र में अंग्रेज़ी विभाग के छात्रों द्वारा सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें साहित्यिक कृतियों की झलक प्रस्तुत करते हुए गायन व नृत्य की सुंदर प्रस्तुतियाँ दी गईं। सम्मेलन का दूसरा दिन, 28 मार्च 2025 को, दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ. देब दुलाल हलदर के प्लेनरी व्याख्यान से आरंभ होगा, जिसके पश्चात शोध पत्र वाचन और समापन समारोह आयोजित किया जाएगा।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों से प्रो. बिंदु कर्णवाल, डॉ. कविता त्यागी, डॉ. रीना वर्मा सहित अनेक शिक्षकगण उपस्थित रहे। सम्मेलन के आयोजन में डॉ. विजेता गौतम, डॉ. भावना सिंह, डॉ. निधि गुप्ता एवं विभाग के शोधार्थियों व छात्रों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
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