नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में पांच दिवसीय स्वावलंबिनी महिला उद्यमिता विकास कार्यक्रम का गुरुवार चौथा दिन रहा। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय संस्थान (नाइसबड) नोएडा के सहयोग से सर छोटू राम इंजीनियरिंग कॉलेज के ई.सी. सेमिनार हॉल में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का संचालन कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में किया जा रहा है। इसमें आज 76 छात्राओं ने भाग लिया। कार्यक्रम के समन्वयक डॉ. पंकज कुमार (असिस्टेंट प्रोफेसर, SCRIET) रहे, जबकि तकनीकी सत्र का संचालन नाइसबड के विशेषज्ञ सिद्धार्थ कजला और सकील अहमद खान ने किया।
आज के मुख्य सत्र रहे:
1.महिला प्रतिभागियों को इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स की गहन जानकारी
पेटेंट अटॉर्नी डॉ. आलोक गुप्ता ने एक विशेष सत्र में महिला प्रतिभागियों को बौद्धिक संपदा अधिकार (इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स) पर विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने पेटेंट, डिज़ाइन, ट्रेडमार्क और कॉपीराइट की फाइलिंग प्रक्रिया को सरल भाषा में समझाया। सत्र के दौरान डॉ. गुप्ता ने महिला आवेदकों के लिए निर्धारित शुल्क संरचना पर भी प्रकाश डाला। प्रतिभागियों ने पेटेंट प्राप्त करने के लिए नवाचार और नए विचार विकसित करने की रणनीतियों पर भी चर्चा की, जिस पर डॉ. गुप्ता ने विस्तृत प्रक्रिया साझा की। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में महिलाओं के लिए अपार संभावनाएं हैं, आवश्यकता केवल आत्मविश्वास और ठोस निर्णय लेने की है। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्राएं और नवाचार से जुड़ी महिलाएं उपस्थित रहीं, जिन्होंने पेटेंट प्रक्रिया से जुड़े अपने सवालों के समाधान प्राप्त किए।
2. दिव्या अग्रवाल (कंसल्टेंट NESUBIRD) , एंटरप्रनल मोटिवेशनल Lab की ट्रेनिंग दी। दिव्या जी ने उद्यमिता के महत्व और विशेषताएं बताई।
3. शकील अहमद खान ( कंसल्टेंट NESUBIRD) ने व्यापार की प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने की जानकारी दी.
4. सुनील तनेजा, जो NIESBUD संस्था से कार्यक्रम में शामिल हुए, ने माइक्रो लैब (आइस ब्रेकिंग एक्टिविटी) के माध्यम से सत्र की शुरुआत की। इस गतिविधि का उद्देश्य प्रतिभागियों की झिझक दूर करना, टीम भावना विकसित करना और कार्यक्रम में उनकी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना था।
माइक्रो लैब के मुख्य उद्देश्य:
प्रारंभिक झिझक दूर कर छात्राओं को सहज महसूस कराना।
समूह में खुलकर विचार साझा करने के लिए प्रेरित करना।
आपसी परिचय और टीम बॉन्डिंग को मजबूत करना।
संवाद और सीखने के लिए सकारात्मक माहौल बनाना।
ऊर्जा और ध्यान केंद्रित करने में मदद करना।
इसके बाद सुनील तनेजा ने छात्राओं को उद्यमिता (Entrepreneurship) की मूल अवधारणा, प्रक्रिया और उसके महत्व की जानकारी दी। उन्होंने सफल उद्यमी बनने के लिए आवश्यक गुणों और कौशलों पर विस्तार से चर्चा की, जिससे छात्राओं को आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा मिली।
कार्यक्रम में उपस्थित छात्राओं ने सत्र को बेहद ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक बताया। सभी प्रतिभागियों ने सक्रिय रूप से भाग लेते हुए तकनीकी और व्यवहारिक ज्ञान अर्जित किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय प्रशासन, विभिन्न विभागों के शिक्षक, समन्वयक, सहायक कर्मचारी और आयोजक मंडल सहित पारुल वार्ष्णेय, निधि चौहान, बीनू यादव, नीलम उपस्थित रहे। सभी ने कार्यक्रम की सराहना की और छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।
No comments:
Post a Comment