नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। प्रो. सुधाकराचार्य त्रिपाठी के मयूर विहार स्थित निवास पर भागवतपुराण की कथा का आयोजन हुआ। कथा के तीसरे दिन पृथ्वी के सातों द्वीपों का वर्णन, प्रवृत्ति व निवृत्ति लक्षण धर्म का वर्णन किया गया, जिसमें बताया कि हमें अपने कर्मों का फलभोग अवश्य करना चाहिए। अजामिल की कथा, प्रचेताओं को हंस का उपदेश, दधीचि की हड्डियों द्वारा इन्द्र का वज्र बनाना, विश्वरुप का वर्णन, व्रत्रासुर, दिति और ऋषि कश्यप की कथा, दिति द्वारा पुंसवन व्रत करना, मरुतों की कथा, हिरण्यकशिपु के जन्म की कथा आदि का वर्णन किया गया। सनातन धर्म के दस लक्षणों का वर्णन, गजेन्द्र मोक्ष की कथा और अमृत मंथन आदि कथाओं का उल्लेख किया गया। रविवार को वामन अवतार, बलि, शुनःशेप व कृष्ण जन्म आदि की कथाओं का वर्णन होगा।
No comments:
Post a Comment