नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा
बाढ़ प्रभावित जिलों की सूची जारी करते हुए अति संवेदनशील और संवेदनशील जिलों में सर्वेक्षण,
विशेष बजट, प्राथमिकता में बाढ़ से बचाने हेतु इंतजाम की व्यवस्था की गई है, जिन जिलों
की सूची जारी हुई है, उनमें मेरठ का कोई जिक्र नहीं है, बल्कि आस-पास शामली, सहारनपुर
आदि जिले शामिल किए गए, जबकि पिछले वर्षों में गंगा नदी और हिंडन के उफान ने मेरठ क्षेत्र
में भारी नुकसान किसान की फसलों का किया था। उक्त बातें शनिवार को प्रेस विज्ञप्ति
जारी करते हुए भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने कहीं।
अनुराग चौधरी ने कहा कि कुछ ग्रामों
में पानी घुस गया, लगभग गंगा नदी ने सात-आठ किलोमीटर चौड़ाई में अपना रूप फैला लिया
था। हिंडन ने भी किनारे बसे सभी ग्रामों में नुकसान किया था। पिछले समय में गंगा नदी
और हिंडन ने भारी नुकसान मेरठ जनपद में किया, जिसका आंदोलन के बाद सर्वे भी हुआ। गंगा
नदी के कारण नुकसान का मुआवजा भी दिया गया। हिंडन क्षेत्र के मुआवजे की लगातार मांग
पर अधिकारी दिलाने का आश्वासन लगातार देते है। पूर्व में मंडलायुक्त, जिलाधिकारी से
बाढ़ नियंत्रण की मांग की गई, हिंडन की सफाई को लेकर पिछले सप्ताह मंडलायुक्त को भी
ज्ञापन दिया गया, परन्तु जनपद के जनप्रतिनिधि, अधिकारियों द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्र
की सुध न लेते हुए उदासीनता दिखाई जा रही है। उसका ही नतीजा है कि मुख्यमंत्री द्वारा
सूची विशेष निगरानी में भी मेरठ जनपद का जिक्र नहीं है। हम दोबारा मांग करते है कि
शासन से वार्ता कर अधिकारी गंगा पर बाढ़ रोकने हेतु बांध बनवाए।
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