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Friday, December 27, 2024

मानव जीवन अनमोल, इसमें धर्म व्रत और संयम से ही कर्मों की निर्जरा होती है: आचार्य श्री ज्ञेय सागर महाराज


नित्य संदेश ब्यूरो 
मेरठ: जगदीश मंडप में चल रहा समवशरण विधान आज छठवें दिन 10 पूजा सहित संपन्न हुआ। सर्वप्रथम प्रातः 6:30 बजे श्री जिनेंद्र भगवान का अभिषेक व शांति धारा की गई। विश्व जैन संगठन के अध्यक्ष संजय जैन दिल्ली वालों का कमेटी द्वारा स्वागत किया गया. उन्होंने 2 जुलाई 2025 को गिरनार पर्वत पर भगवान श्री नेमिनाथ जी का निर्वाण महोत्सव मनाने के लिए दिल्ली से गिरनार तक पद यात्रा करने का आवाहन किया। रुचि जैन ने सभी महिलाओं को गिरनार यात्रा का निमंत्रण दिया। समारोह में बाल ब्रह्मचारी पंडित जयकुमार निशांत को तिलक व अंग वस्त्र पहनाकर स्वागत किया गया।

मुनि श्री नियोग सागर ने कहा कि समवशरण के 14 अतिशयो में सुगंधित जल वृष्टि भी एक अतिशय है, जो आज प्रातः काल से ही बरस रहा है। समवशरण में जिस स्थान पर भगवान विराजित होते हैं उसे गंध कुटी कहते हैं क्योंकि भगवान के सर्वांग से सुगंधित गंध निकलती है। मुनि श्री ने बताया कि इस प्रकार सामूहिक रूप से समवशरण में बैठने से सामूहिक पुण्य का बंद होता है जो एक दिन सामूहिक मोक्ष का कारण भी बनता है। आचार्य श्री ज्ञेय सागर महाराज ने बताया कि यह मानव जीवन अनमोल है इसमें धर्म व्रत और संयम से ही कर्मों की निर्जरा होती है। आचार्य श्री ने कहा कि सम्मेद शिखर सिद्ध क्षेत्र की वंदना करने से शरीर के बड़े-बड़े रोग स्वयं दूर हो जाते हैं।

आहार जी से पधारे विधानाचार्य मनोज शास्त्री ने समस्त धार्मिक क्रियाएं संपन्न कराई तथा संगीतकार प्रशांत जैन ने संगीत के द्वारा समस्त वातावरण संगीतमय कर दिया। सभी इंद्र इंद्राणियों ने संगीत पर नृत्य किया। प्रोग्राम के अंत में लकी ड्रॉ द्वारा भाग्यशाली विजेता का चयन किया गया, जो वसुनन्दी विहार निवासी महिला संगीता जैन को प्राप्त हुआ, उन्हें चांदी का आरती का थाल प्रदान किया गया। 
इस अवसर पर संजय कलश, वीरेंद्र कुमार जैन, सुनील जैन प्रवक्ता, प्रवीन जैन, अजय जैन, आलोक जैन, अभिनव जैन एवं विपिन जैन तथा इनके अलावा शहर के अनेक गण माननीय लोग भी उपस्थित रहे।


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