नित्य संदेश ब्यूरो
नई दिल्ली। नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन द्वारा 2021 में लॉन्च किए गए स्किल इम्पैक्ट बॉण्ड ने
24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 18 क्षेत्रों में कम आय वाले परिवारों के
पहली बार नौकरी चाहने वाले 29,000 से अधिक युवकों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया
है। इनमें से 73 प्रतिशत ने नौकरी जॉइन कर ली है। इस पहल का उद्देश्य कौशल और
रोजगार के बीच की खाई को पाटकर 50,000 युवा भारतीयों को तैयार करना है, जिनमें महिलाओं की पहुँच 60 प्रतिशत है।
अपने संबोधन के दौरान कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के सचिव अतुल कुमार तिवारी ने कहा, जब विचारशील दिमाग एक साथ मिलकर काम करते हैं, तो हम सिर्फ़ निवेश ही नहीं करते; हम समुदायों का निर्माण करते हैं। हम बेहतर आजीविका, मज़बूत परिवार और पहले से अधिक सक्षम राष्ट्र के लिए रास्ते
बनाते हैं। स्किल इम्पैक्ट बॉण्ड इस विज़न का उदाहरण है, जिसने 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कम आय वाले
परिवारों के लगभग 29,000 पहली बार नौकरी चाहने वालों को प्रशिक्षित किया है। यह
अल्पकालिक इनपुट से लेकर दीर्घकालिक प्रभाव पर ध्यान केंद्रित करके सही अर्थों में
सामाजिक ज़िम्मेदारी को दर्शाता है। स्किल इम्पैक्ट बॉण्ड 2.0 के साथ हमारा लक्ष्य भविष्य के लिए तैयार, समावेशी कार्यबल के प्रधानमंत्री के विज़न के साथ तालमेल
बिठाते हुए मानक को ऊपर उठाना है, जो भारत
को वैश्विक नेतृत्व की ओर ले जाएगा।
एनएसडीसी के सीओओ (कार्यवाहक सीईओ) और
एनएसडीसी इंटरनेशनल के एमडी श्रीवेद मणि तिवारी ने कहा, स्किल इम्पैक्ट बॉण्ड 24 राज्यों और 18 क्षेत्रों में
29,000 लोगों तक पहुँच चुका है, जिसकी रिटेंशन रेट 57 प्रतिशत है, और इसे 60 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। आगे
बढ़ते हुए हमारा फोकस रोजगार के लिए योग्यता, रोजगार, आय वृद्धि और उद्यमिता पर है।
डिजिटलीकरण और स्वास्थ्य सेवा में एआई-आधारित इनोवेशंस का लाभ उठाकर, स्किल इम्पैक्ट बॉण्ड के जरिये 2047 के लिए भारत के 35
ट्रिलियन डॉलर वाले आर्थिक दृष्टिकोण के साथ तालमेल कायम करने का प्रयास किया जा
रहा है। साथ ही भविष्य के लिए तैयार कार्यबल का निर्माण करने और अधिक
समावेशी स्टार्ट-अप ईको सिस्टम को बढ़ावा देने की दिशा में भी प्रयास किए जा रहे
हैं।
स्किल इम्पैक्ट बॉण्ड की एक प्रमुख
विशेषता यह है कि इसमें महिलाओं को भी बराबर अवसर दिए जाते हैं। प्रशिक्षुओं में
कम आय वाली पृष्ठभूमि की 74 प्रतिशत महिलाएँ हैं, जिनमें से कई ऐसी हैं जिन्होंने सीमित शिक्षा हासिल की है
और जिन्हें कोई पूर्व कार्य अनुभव भी नहीं है। कार्यक्रम ने इन महिलाओं को कार्यबल
में सफलतापूर्वक शामिल किया है और इन्हें बनाए रखा है। पारिवारिक जुड़ाव, कार्यस्थल पर परिचित कराना, गतिशीलता सहायता और नियुक्ति के बाद सहायता जैसी रणनीतियाँ
इन परिणामों को प्राप्त करने में सहायक रही हैं।
नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एनएसडीसी) के साथ-साथ स्किल इम्पैक्ट बॉण्ड के साझेदारों के गठबंधन में ब्रिटिश
एशियन ट्रस्ट, माइकल एंड सुज़ैन डेल फ़ाउंडेशन, चिल्ड्रन्स इन्वेस्टमेंट फ़ंड फ़ाउंडेशन (सीआईएफएफ), जेएसडब्ल्यू फ़ाउंडेशन, एचएसबीसी इंडिया, दुबई केयर्स, यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फ़ॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट
(यूएसएआईडी), यूके सरकार का विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ), डालबर्ग एडवाइजर्स और ऑक्सफ़ोर्ड पॉलिसी मैनेजमेंट शामिल
हैं। जमीनी स्तर पर कौशल प्रशिक्षण लर्नेट स्किल्स लिमिटेड, मैजिक बस इंडिया फ़ाउंडेशन और पैनआईआईटी एलुमनाई रीच फ़ॉर
इंडिया फ़ाउंडेशन द्वारा दिया जाता है। इन सभी को इनोवेशन करने और विविध लक्ष्य
समूहों तक पहुँचने की उनकी क्षमता के आधार पर चुना गया है।
ब्रिटिश एशियन ट्रस्ट के एक्जीक्यूटिव
डायरेक्टर - इंडिया भरत विश्वेश्वरैया ने अपने संबोधन के दौरान कहा, ‘‘स्किल इम्पैक्ट बॉण्ड के नवीनतम परिणामों से पता चलता है कि
भारत में कौशल के दृष्टिकोण और फाइनेंसिंग के तरीके को बदलने के लिए इम्पैक्ट
बॉण्ड जैसे साधन कितने महत्वपूर्ण हैं। हमारे स्वतंत्र मूल्यांकनकर्ता सभी डेटा का
कड़ाई से परीक्षण कर रहे हैं और डेटा स्पष्ट तौर पर बताता है कि फंडिंग को परिणामों
से जोड़ने का अविश्वसनीय प्रभाव पड़ रहा है।’’
कार्यक्रम के स्वतंत्र सत्यापन से पता
चलता है कि नामांकित महिलाओं में से 70 फीसदी और नामांकित पुरुषों में से 81 फीसदी
ने अपने प्रशिक्षण के बाद नौकरी हासिल की है। नौकरी को कायम रखने की दर ने भी
आशाजनक परिणाम दिखाए हैं, 56 फीसदी महिलाओं और 62 फीसदी पुरुषों
ने कम से कम तीन महीने तक अपनी स्थिति बनाए रखी है। इसके अलावा, नौकरी पाने वालों में से 40 फीसदी महिलाएं और 66 फीसदी
पुरुष बारह महीनों में से छह महीने तक काम करते रहे। उल्लेखनीय रूप से, महिलाओं के लिए नौकरी को बनाए रखने की दर में काफी सुधार
हुआ है, जो पहले समूह में 48 फीसदी से बढ़कर तीसरे समूह तक 61 फीसदी हो
गई है।
14.4 मिलियन अमरीकी डॉलर के बजट के साथ, स्किल इम्पैक्ट बॉण्ड को जॉब प्लेसमेंट और रिटेंशन से
संबंधित नतीजे हासिल करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह अभिनव वित्तीय मॉडल
युवाओं, विशेष रूप से महिलाओं के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के
उद्देश्य से जवाबदेही और संसाधनों के प्रभावी उपयोग को सुनिश्चित करता है। जैसे-जैसे
स्किल इम्पैक्ट बॉण्ड कार्यक्रम अपने संचालन को आगे बढ़ाता है और अपने सिद्धांतों
को मुख्यधारा में लाता है, यह देश में कौशल विकास संबंधी ईको
सिस्टम को बदलने के लिए प्रतिबद्ध है। इस दिशा में कदम उठाते हुए ठोस परिणामों और
अभिनव प्रथाओं पर ध्यान केंद्रित करने का प्रयास किया जा रहा है।
रोजगार परिणामों पर ध्यान केंद्रित
करने से प्रोग्राम डिजाइन और डिलीवरी के सभी पहलुओं पर प्रभाव पड़ा है, जिसके परिणामस्वरूप स्किल इम्पैक्ट बॉण्ड के आशाजनक परिणाम
सामने आ रहे हैं। गठबंधन द्वारा उद्देश्य के अनुरूप प्रशिक्षण सुनिश्चित करने के
लिए नियोक्ताओं के साथ जुड़ाव और तकनीक-सक्षम, डेटा-संचालित निर्णय लेने को प्राथमिकता दी गई है। इसके लिए
परफॉर्मेंस मैनेजमेंट पर पूरा ध्यान दिया जाता है। इस तरह यह भी सुनिश्चित होता है
कि इम्पैक्ट बॉण्ड अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए लगातार अनुकूलन और नवाचार कर
रहा है।
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