नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। विश्व एड्स दिवस के उपलक्ष्य में मेडिकल कॉलेज के ए0आर0टी0 सेंटर ओपीडी नं0 18 में एक जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस वर्ष की एड्स दिवस की थीम ‘‘बाधाऐ दरकिनार, एचआईवी पर सशक्त प्रहार‘‘ पे चर्चा की गयी। जिसमें मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डा आर0सी0 गुप्ता, उप प्राचार्य डॉ ज्ञानेश्वर टांक व एस आई सी डॉ धीरज बालियान, सी0एम0एस0 डॉ अनुपमा वर्मा, विभागाध्यक्ष मेडिसिन डॉ योगिता सिंह, प्रोफेसर मेडिसिन डॉ स्नेहलता वर्मा, पुर्व नोडल अधिकारी डॉ तुंगवीर सिंह आर्य मुख्य अतिथि रहे।
सभी अतिथियों ने अपने महत्वपुर्ण विचार साझा किये। इस कार्यक्रम का उददेश्य लोगो में एचआईवी/एड्स के प्रति जागरूकता बढ़ाना, रोकथाम के उपायों की जानकारी देना और भेदभाव को कम करना था। कार्यक्रम में रोगियों व उपस्थित लोगों को नियमित जाँच, सुरक्षित व्यवहार, समय पर उपचार तथा दवाओं के महत्व के बारे में बताया गया। साथ ही एआरटी सेंटर द्वारा उपलब्ध निःशुल्क सेवाओं, परामर्श तथा उपचार की सुविधाओं की जानकारी भी दी गई तथा कठपुतली एवं मैजिक शौ कार्यक्रम के द्वारा भी लोगो को जागरूक किया गया। इस कार्यक्रम में काफी लम्बे समय से ए0आर0टी0 औषधि ले रहे मरीजों नें अपने अनुभव एवं सुझाव साँझा किये, जो काफी प्रेरणादायक रहा। इस अवसर पर सभी को संदेश दिया गया कि एचआईवी/एड्स से जुडी गलतफहमियों को दूर करें, जागरूक बनें और दूसरो को भी जागरूक करें ताकि एक स्वस्थ और सुरक्षित समाज का निर्माण किया जा सके।
कार्यक्रम का संचालन नोडल अधिकारी डॉ संध्या गौतम एवं सीनियर मेडिकल ऑफ़िसर डॉ अणिमा पाडेण्य के नेतृत्व में किया गया तथा समस्त ए0आर0टी0 स्टाफ डॉ रवि शर्मा, गौरी आदित्य, गौरी गुप्ता, राजीव खोखर, संगीता चैधरी, परमहंस यादव, रीमा दानीखेल, ब्रिजेन्द्र कुमार, रामसेवक, ब्रिजेश यादव एवं समस्त सशक्ति-2.0 स्टाफ आदि उपस्थित रहें।
वही दूसरी ओर विश्व एड्स दिवस के अवसर पर मेरठ के UHTC सूरजकुंड, SBVP अस्पताल के जनरल ओपीडी तथा LLRM मेडिकल कॉलेज में एचआईवी/एड्स के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने हेतु व्यापक एवं बहुआयामी गतिविधियों का सफल आयोजन किया गया। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य समुदाय में एचआईवी संक्रमण के कारणों, रोकथाम, समय पर पहचान तथा उपचार सेवाओं के महत्व को सरल एवं प्रभावी तरीके से समझाना रहा।
दिनभर ओपीडी और UHTC में आने वाले मरीजों, अभिभावकों, स्थानीय समुदाय सदस्यों तथा छात्रों के बीच एचआईवी के फैलने के वैज्ञानिक तरीके, सुरक्षित व्यवहार, निःशुल्क परीक्षण सेवाएँ, ART केंद्रों की उपलब्धता, तथा कलंक और भेदभाव समाप्त करने की आवश्यकता पर विस्तारपूर्वक जानकारी साझा की गई। स्वास्थ्य कर्मियों ने यह भी रेखांकित किया कि एचआईवी एक पूर्णतया रोकथाम योग्य संक्रमण है और समय पर उपचार से जीवन सामान्य रूप से संचालित किया जा सकता है।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा एल.एल.आर.एम. मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस छात्रों द्वारा प्रस्तुत एक प्रभावशाली नाटक, जिसमें इंजेक्शन द्वारा नशीली दवाओं के दुरुपयोग (IV drug abuse) और सुई/सीरिंज साझा करने जैसी खतरनाक आदतों को अत्यंत भावपूर्ण और यथार्थवादी रूप में दर्शाया गया। नाटक ने समुदाय को यह गंभीर संदेश दिया कि असुरक्षित इंजेक्शन व्यवहार एचआईवी के प्रसार का एक प्रमुख कारण है, जिसे जागरूकता और जिम्मेदारी से रोका जा सकता है।
इन गतिविधियों का संचालन और पर्यवेक्षण समुदाय चिकित्सा विभाग की प्रोफेसर डॉ. सीमा जैन के मार्गदर्शन में किया गया, जबकि कार्यक्रमों का समग्र शैक्षणिक व तकनीकी नेतृत्व विभागाध्यक्ष, समुदाय चिकित्सा विभाग, डॉ. संजीव कुमार द्वारा प्रदान किया गया। उनके निर्देशन में UHTC, SBVP अस्पताल और कॉलेज परिसर में सभी गतिविधियों का समन्वय प्रभावी एवं सुव्यवस्थित रूप से संपन्न हुआ।
कार्यक्रम की सफलता पर एल.एल.आर.एम. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, डॉ. आर. सी. गुप्ता ने आयोजन टीम की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के जन-जागरूकता अभियानों से समाज में एचआईवी से जुड़ी भ्रांतियाँ दूर होती हैं और समुदाय का विश्वास बढ़ता है। उन्होंने विशेष रूप से छात्रों की सक्रिय भागीदारी की प्रशंसा की।
विश्व एड्स दिवस पर आयोजित यह जन-जागरूकता अभियान न केवल जानकारी प्रदान करने का माध्यम बना, बल्कि समुदाय में जागरूकता, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी की भावना को भी सुदृढ़ करने में सहायक सिद्ध हुआ।
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