-महिला गोष्ठी में छात्राओं ने की तिलावत, नात व नज़्म
से बांधा गया समा
वसीम अहमद
नित्य संदेश, मुडाली। जामिया इस्लामिया अरबिया गुलज़ारे हुसैनिया अजराड़ा में आयोजित 106वें वार्षिक जलसे के अंतर्गत महिला गोष्ठी का आयोजन श्रद्धा और अनुशासन के माहौल में पूरा हुआ।
कार्यक्रम में देश-प्रदेश से पहुँची मुअल्लिमाओं, स्थानीय
महिलाओं और जामिया की छात्राओं ने बड़ी संख्या में शिरकत की। कार्यक्रम में अपने दुआइयां
संबोधन में जामिया के मोहतमिम मौलाना हकीम मुहम्मद अब्दुल्लाह मुगीसी ने कहा कि “दीन
के नाम पर जमा होना और इस पर काम करना अल्लाह की रहमतों और नेक कार्यों के कबूल होने
की निशानी है। उन्होंने हज़रत आयशा और हज़रत फातिमा का उदाहरण देते हुए बताया कि किस
प्रकार उन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी इस्लामी शिक्षाओं के प्रसार को अपना उद्देश्य
बनाया। मौलाना ने कहा कि इदारे की तरक्की में हमारी माँ–बहनों और बेटियों का सहयोग
प्रशंसनीय और प्रेरणादायक है। महिला गोष्ठी में जामिया की छात्राओं ने लगभग दो घंटे
तक तिलावत, नात, नज़्म और तकरीरों का सुंदर व प्रभावशाली कार्यक्रम प्रस्तुत कर सभी
को प्रभावित किया। इसके बाद डॉ. जीनत मेहताब ने बच्चियों को दीनी शिक्षा और इस्लामी
संस्कारों से सुसज्जित करने पर जोर देते हुए दहेज जैसी कुप्रथाओं को समाप्त करने का
संदेश दिया।
मुरादाबाद से आयी मुअल्लिमा तहजीब फातिमा ने झूठ से बचने,
हया अपनाने और शरियत के अनुसार सादगीपूर्ण जीवन बिताने की नसीहत पेश की। हापुड़ की
मुअल्लिमा शहरीन ने दीनदार बनने तथा दीन की राह में खर्च करने के महत्व को विस्तार
से समझाया। इदारे के लिए उन्होंने महिलाओं से ताऊन की अपील की, जिस पर उपस्थित महिलाओं
ने उदारतापूर्वक सहयोग किया। कार्यक्रम का संचालन मौलाना मुन्क़ाद अहमद ने किया। अंत
में मोहतमिम जामिया की दुआ के साथ महिला गोष्ठी का शांतिपूर्ण समापन हुआ।

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