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Friday, December 26, 2025

सरल व्यक्तित्व, जो मेरी 'प्रतीक्षा' को अनंत कर गई


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'नित्य संदेश' समूह की स्वामी, मुद्रक एवं प्रकाशक आदरणीय सदा लियाकत जी का हृदयघात से अचानक चले जाना केवल नित्य संदेश मीडिया कम्यूनिकेशन की क्षति नहीं है, बल्कि उस ममतामयी छाया का उठ जाना है जिसने परदे के पीछे रहकर पत्रकारिता के एक स्तंभ लियाकत मंसूरी को इतनी मजबूती दी थी कि पत्रकार से उपन्यासकार, व्यवसायी बना दिया। 

सदा मैम, हां इसी नाम से मैं उन्हें बुलाती थी। वे मुझे अक्सर कहती थी मैं इंदौर आऊंगी, आपसे मिलने। पर अब वे मुझे, नित्य संदेश मीडिया कम्यूनिकेशन और अपने परिवार को हमेशा की प्रतीक्षा देकर जन्नत में चली गई है। मेरा सदा मानना रहा है कि प्रतीक्षा भी एक प्रकार की पूजा है, लेकिन किसे पता था कि सदा मैम इस प्रतीक्षा को एक ऐसी इबादत बना देगी, जिसका सिरा अब सीधे ईश्वर से जा मिला है।

उनके व्यक्तित्व को दो वर्षो की पहचान में मैंने जितना जाना, उससे पाया कि वे एक आदर्शवान गृहिणी और प्रेरणादायी जीवन संगिनी थी। सदा मैम बहुत मृदुभाषी थी, वे बड़े पत्रकार की पत्नी थीं, वे एक समर्पित गृहिणी और एक श्रेष्ठ माँ थीं, लेकिन उनकी महानता इसी बात में छिपी थी कि उनके सहयोग के बिना 'नित्य संदेश' का सफर इतना गरिमामयी नहीं होता। उनके पति, वरिष्ठ पत्रकार लियाकत मंसूरी जी अगर आज पत्रकारिता जगत के स्तंभ हैं और चार उपन्यासों का सृजन कर पाए, तो उसके पीछे सदा मैम का वह मूक समर्थन और त्याग ही था, जो उन्होंने एक पत्नी और सहयोगी के रूप में जीवन भर निभाया।

वे सादगी की प्रतिमूर्ति थी। वे मुझसे इतने अपनेपन से बात करती थी कि मुझे हमेशा मेरी बहन सी लगती थी। सदा मैम उनका स्वभाव इतना सरल और सीधा था कि उनसे बात करते हुए कभी यह अहसास ही नहीं हुआ कि वे मीडिया ग्रुप की निदेशक हैं। मुझे याद हैं वे वीडियो कॉल, जिनमें उनका अपनापन छलक पड़ता था। मैं उनको कहती थी सपरिवार इंदौर आइए, तब उन्होंने बड़े चाव से वादा किया था कि वे इंदौर आएंगी। वह वादा, वह मुस्कुराहट और वह इंदौर आने की बात अब एक गहरी कसक बन गई है। 

उन्होंने मुझे हमेशा की प्रतीक्षा का उपहार दिया और खुद एक ऐसी यात्रा पर निकल गईं, जहां से कोई लौटकर नहीं आता। सच ही तो है, किसी प्रिय की राह तकना भी एक पूजा है, साधना है, और अब हम सब इसी मौन साधना में उन्हें याद कर रहे हैं।

सदा मैम का जन्नत जाना अनंत रिक्तता से भर गया है। सदा मैम के निधन से मेरठ और पत्रकारिता जगत में शोक की लहर है। 'नित्य संदेश मीडिया कम्यूनिकेशन' ने अपनी मार्गदर्शिका खो दी है। वे एक ऐसी महिला थीं जिन्होंने घर और संस्थान के बीच एक अद्भुत संतुलन बनाया था। उनकी सरलता ही उनकी सबसे बड़ी पहचान थी।

सदा मैम की वह सहजता और आपका स्नेह हमेशा मेरी स्मृतियों में जीवित रहेगा। इंदौर की गलियां शायद अब भी आपकी राह तकें, लेकिन आपकी स्मृतियां हमारे दिलों में हमेशा सुरक्षित रहेगी।

ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और लियाकत मंसूरी जी व पूरे परिवार को यह असहनीय दुख सहने का संबल प्रदान करें।

अश्रुपूरित नमन! भावभीनी श्रद्धांजलि!

सपना सी.पी. साहू 
इंदौर (म.प्र.)

2 comments:

  1. अल्लाह उनकी आत्मा को जन्नत अता फरमाए....

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  2. https://www.instagram.com/reel/DSsiuL1kmCz/?igsh=MXdicGxhamF4eGxpdQ==

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