तरुण आहुजा
नित्य संदेश, मेरठ। शास्त्रीनगर स्थित सेंट्रल मार्केट को स्ट्रीट बाजार घोषित किए जाने की आस लगाए बैठे व्यापारियों को शुक्रवार को हुई आवास विकास परिषद की बोर्ड बैठक से बड़ा झटका लगा।
बैठक से पहले व्यापारी जिस फैसले की उम्मीद कर रहे थे, वह पूरी तरह टूटती नजर आई। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश की समय-सीमा में अब महज एक महीना 4 दिन शेष है। इस आदेश के तहत सेंट्रल मार्केट समेत शहर में एक हजार से अधिक अवैध निर्माणों पर ध्वस्तीकरण की तलवार लटक रही है। ऐसे में व्यापारी बोर्ड बैठक से किसी सकारात्मक निर्णय की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन बैठक के बाद आवास विकास परिषद द्वारा जारी चार पेज की प्रेस विज्ञप्ति में सेंट्रल मार्केट का कहीं भी उल्लेख नहीं किया गया।
प्रेस विज्ञप्ति में सेंट्रल मार्केट का नाम न होने से व्यापारियों में गहरी निराशा है। उनका कहना है कि यदि बोर्ड बैठक में इस मुद्दे पर कोई चर्चा या निर्णय नहीं हुआ, तो आने वाले दिनों में स्थिति और गंभीर हो सकती है। अब सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा हो गया है कि सर्वे के दौरान चिह्नित हुए अब बन रहे अवैध निर्माणों पर आगे क्या कार्रवाई होगी।
फिलहाल अवैध निर्माणों पर क्रॉस का निशान व कारण बताओ का नोटिस लगाकर निर्माणकर्ता को 15 दिन के भीतर निर्माण तोड़ने का समय दिया गया था। लेकिन आरोप है कि कई निर्माणकर्ताओं ने क्रॉस का निशान मिटाकर व नोटिस फाड़कर काम और तेज़ी से करवा दिया। ऐसे में यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या नवनियुक्त अधिकारी ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करेंगे या फिर लापरवाही बरतते हुए आंख मूंद लेंगे।
व्यापारियों का कहना है कि यदि समय रहते स्पष्ट निर्णय और ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो सेंट्रल मार्केट के सैकड़ों व्यापारियों का भविष्य संकट में पड़ सकता है।
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