शाहिद खान
नित्य संदेश, भोपाल। जानी-मानी अंतरराष्ट्रीय कलाकार नवाब जहाँ बेगम को ऑल इंडिया उर्दू तंज़ीम ने उर्दू विरासत को बढ़ाने के लिए शानदार काम करने पर सम्मानित किया है।
भोपाल की प्रसिद्ध कलाकार और कैलीग्राफर नवाब जहाँ बेगम ने अपनी खूबसूरत और दिलकश कलाकारी के ज़रिये उर्दू और अरबी अक्षरों को नई जान बख्शी है और उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाई है। उनकी इसी मेहनत, लगन और हुनर को देखते हुए ऑल इंडिया उर्दू तंज़ीम ने उनके काम को सराहते हुए उन्हें पुरस्कार से नवाज़ा है। ऑल इंडिया उर्दू तंज़ीम के अध्यक्ष और दिल्ली हाईकोर्ट के मशहूर वकील बदर महमूद ने नवाब जहाँ बेगम को बधाई देते हुए कहा कि नवाब जहाँ बेगम की कलाकारी न केवल उर्दू भाषा और अदब की खूबसूरती को दुनिया भर तक पहुँचा रही है बल्कि देश की सांस्कृतिक और तहज़ीबी विरासत को भी नई रोशनी दे रही है।
उन्होंने कहा कि ऐसे कलाकार किसी भी समाज की पहचान और कीमती पूंजी होते हैं। आज जब नई पीढ़ी धीरे-धीरे उर्दू और अरबी से दूर होती जा रही है, ऐसे दौर में नवाब जहाँ बेगम की मेहनत उम्मीद, मोहब्बत और तहज़ीब की ज़िंदा मिसाल है, जो आने वाली नस्लों के लिए अनमोल साबित होगी।
नवाब जहाँ बेगम ने इस सम्मान पर खुशी और शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि उनकी हमेशा कोशिश रही है कि उर्दू और अरबी के ख़ूबसूरत हुरूफ़ को इस अंदाज़ में पेश किया जाए कि देखने वाला सिर्फ़ पढ़े नहीं बल्कि महसूस भी करे। उन्होंने कहा कि अगर उनकी कला ने उर्दू और अरबी भाषा को दुनिया में नई पहचान दिलाने में थोड़ा भी योगदान दिया है तो यही उनके लिए सबसे बड़ा सम्मान है। उन्होंने उर्दू भाषा, अपने शहर भोपाल और उन सभी लोगों का शुक्रिया अदा किया जिन्होंने हर कदम पर उनका हौसला बढ़ाया और साथ दिया।
उन्होंने आगे बताया कि आने वाले दिनों में वे इस कला को युवाओं तक पहुँचाने के लिए प्रशिक्षण सत्र, प्रदर्शनियाँ और विशेष शैक्षिक कार्यक्रम आयोजित करने का इरादा रखती हैं, ताकि नई पीढ़ी इस खूबसूरत कला से परिचित हो सके। साथ ही उन्होंने ऑल इंडिया उर्दू तंज़ीम का भी शुक्रिया अदा किया।
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