Breaking

Your Ads Here

Friday, December 26, 2025

आवास विकास परिषद की 274वीं बैठक में व्यापारिक समस्याओं पर नहीं हुआ ठोस निर्णय


तरुण आहुजा 
नित्य संदेश, लखनऊ। उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद की 274वीं निदेशक मंडल बैठक शुक्रवार को परिषद के प्रशासनिक भवन स्थित सभागार में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता श्री पी. गुरू प्रसाद, अपर मुख्य सचिव, आवास एवं शहरी नियोजन विभाग ने की।

बैठक में परिषद के अधिकारियों, कर्मचारियों और पेंशनरों से जुड़े कई प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, लेकिन लंबे समय से राहत की उम्मीद लगाए बैठे व्यापारियों को बैठक से निराशा ही हाथ लगी। व्यापारिक भूखंडों, बाजार योजनाओं और लंबित समस्याओं पर कोई ठोस समाधान सामने नहीं आया।

इन प्रस्तावों पर लगी मुहर
बैठक में परिषद के कर्मचारियों, पेंशनरों एवं पारिवारिक पेंशनरों को 01 जुलाई 2025 से 58 प्रतिशत महंगाई भत्ता/महंगाई राहत देने का अनुमोदन किया गया। इसके साथ ही कई अधिकारियों के पदोन्नति प्रस्ताव, गैर-फीडर पदों की अवधि शिथिल करने तथा विभिन्न विभागीय एवं अनुशासनात्मक मामलों में लिए गए निर्णयों को भी स्वीकृति दी गई।

अनुशासनात्मक मामलों पर निर्णय
बैठक में ‘सिविल सर्विसेज रेगुलेशन के अनुच्छेद 351-ए’ के अंतर्गत सेवानिवृत्त अधिकारियों के विरुद्ध चल रही विभागीय जांचों, वित्तीय क्षति की वसूली तथा दंड संबंधी निर्णयों को अनुमोदन प्रदान किया गया। गाजियाबाद, वृंदावन योजना लखनऊ सहित विभिन्न परियोजनाओं से जुड़े मामलों में विभागीय कार्रवाई पर मुहर लगी।

योजनाओं और भूखंडों से जुड़े अहम फैसले
मुरादाबाद की मझोला योजना में नगर निगम कार्यालय भवन हेतु संस्थागत उपयोग की अनुमति, 
गाजीपुर-मऊ मार्ग, मऊ एवं कानपुर नगर में भूमि विकास एवं गृहस्थापन योजनाओं को मंजूरी, 
लखनऊ विकास नगर योजना में फुटबॉल मैदान के विकास,
संचालन एवं रखरखाव हेतु दीर्घकालिक लीज की स्वीकृति
ई-नीलामी में आरक्षित दर अधिक होने पर पुनः आरक्षित दर निर्धारण का निर्णय
आवासीय एवं आईटी/आईटीईएस भूखंडों की दरों में संशोधन

व्यापारियों में असंतोष
बैठक के बाद व्यापारियों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि व्यावसायिक भूखंडों की समस्याएं, नक्शा स्वीकृति, निर्माण अनुमति, बाजार पुनर्विकास और लंबित आवंटन जैसे मुद्दों पर कोई ठोस फैसला नहीं लिया गया।
व्यापारी संगठनों का कहना है कि परिषद की बैठकों में बार-बार कर्मचारियों और प्रशासनिक मामलों को प्राथमिकता दी जाती है, जबकि व्यापारियों की समस्याएं हाशिये पर चली जाती हैं।

निष्कर्ष
आवास विकास परिषद की यह बैठक प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रही, लेकिन व्यापारिक हितों की अनदेखी के कारण इसे व्यापारी वर्ग के लिए निराशाजनक माना जा रहा है।

No comments:

Post a Comment

Your Ads Here

Your Ads Here