नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। प्रियजन की याद में जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा देना सबसे बड़ा पुण्य है। मिठठु की पाठशाला इसी की मिसाल है।
समाज में सुशिक्षा के लिए एडवोकेट विजय तेवतिया व उनकी पत्नी बीना तेवतिया अपनी स्व. बेटी डा. गरिमा सिंह (मिठठु) की स्मृति में मवाना तहसील के गांव बिसोला में यह पाठशाला चला रहे हैं, ताकि ग्रामीण, गरीब बच्चों को भी शहरी समृद्धो जैसी शैक्षिक सुविधाएं मिल सकें। सरकारी मान्यता प्राप्त इस पाठशाला में बहुत कम फीस देकर पढ़ने वाले बच्चों को डा.गरिमा सिंह फाउंडेशन द्वारा यूनीफॉर्म, स्कूल बैग, शूज, कापी किताबें नि:शुल्क दी जाती हैं। अति निर्धन बच्चों की फीस में क्लब- 60 के शिक्षासेतु से मदद मिलती है।
नर्सरी से कक्षा 8 तक अंग्रेजी माध्यम की इस पाठशाला में 451 बच्चे पढ़ रहे हैं। बेहतर गुणवत्ता की शिक्षा हेतु इस आदर्श पाठशाला में लाइब्रेरी,कम्प्यूटर लैब, खेलकूद सामग्री व मैदान आदि की पर्याप्त सुविधा है।समानता,सद्भाव और मानवीय सदगुणो से युक्त जीवन मूल्यों की नैतिक शिक्षा पर विशेष जोर दिया जाता है।साथ में योगा,यज्ञ,पिकनिक, मेंहदी,आर्ट एंड क्राफ्ट, म्यूजिक व डांस सहित मासिक प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। ग्रामीण बच्चों को संस्कार वान बनाने वाली शैक्षिक तकनीक लागू करने का श्रेय बीना तेवतिया को है,जो लंबे समय से शिक्षण क्षेत्र में हैं तथा अब श्री संस्कृत इंटर कालेज,एतमादपुर की प्रधानाचार्या हैं।
बच्चों को स्वच्छता सिखाने हेतु 14 कमरों की इस पाठशाला में छात्र छात्राओं के लिए अलग अलग 9 शौचालय और निगरानी को 34 कैमरे लगे हैं। नि:सन्देह मिठठु की पाठशाला उपलब्ध संसाधनो का समाज हित में बेहतर उपयोग का उत्कृष्ट व अनुकरणीय उदाहरण है।
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