Breaking

Your Ads Here

Monday, December 22, 2025

वामा साहित्य मंच की 'तरंग गोष्ठी' में गूंजी हिंदी की वैश्विक वाणी


सपना सीपी साहू 
नित्य संदेश, इंदौर। प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था वामा साहित्य मंच द्वारा हाल ही में 'तरंग गोष्ठी' का गरिमामय आयोजन किया गया। इस विशेष संगोष्ठी में देश-विदेश में निवास कर रहीं अप्रवासी महिला साहित्यकारों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। 

कार्यक्रम का मुख्य विषय 'देश-विदेश में हिंदी का स्थान' रखा गया, जिसके माध्यम से विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में हिंदी की वर्तमान स्थिति और उसकी लोकप्रियता पर गहन चर्चा की गई। कार्यक्रम का शुभारंभ स्वाती जोशी (पुणे) द्वारा प्रस्तुत मधुर सरस्वती वंदना से हुआ। गोष्ठी का कुशल संचालन लखनऊ से अंजू निगम द्वारा किया गया, जबकि संपूर्ण आयोजन में तकनीकी सहयोग प्रतिभा जैन ने प्रदान किया। इस संवाद सत्र में यूएस से रेखा मंडलोई और सिंगापुर से सोनल शर्मा जैसी प्रवासी लेखिकाओं ने विदेशी धरती पर हिंदी के प्रति बढ़ते लगाव और चुनौतियों को साझा किया। वहीं देश के विभिन्न हिस्सों से श्रुति मेहता (मुंबई), कल्पना दुबे व रंजना जोशी (खंडवा), मंजिरी पुणतांबेकर (बड़ोदरा) और माया बेदका (उज्जैन) ने अपने-अपने क्षेत्रों में हिंदी के प्रभाव पर विचार रखे। इंदौर से हंसा मेहता ने विदेशो में प्रवास के दौरान हिंदी भाषा के वर्चस्व को सबके बीच रखा। 
कार्यक्रम के अंत में सिंगापुर से जुड़ी सोनल शर्मा ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। 

आयोजन को सफल बनाने में संस्था की अध्यक्ष ज्योति जैन और सचिव स्मृति आदित्य का विशेष मार्गदर्शन रहा। आभार सोनल शर्मा सिंगापुर ने व्यक्त किया। इस गोष्ठी ने यह सिद्ध किया कि हिंदी भाषा केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि सात समंदर पार भी यह अपनी संस्कृति और पहचान को मजबूती से सहेजे हुए है।

No comments:

Post a Comment

Your Ads Here

Your Ads Here