- आवास एवं विकास परिषद के अधिकारियों को दो माह में कोर्ट को
देनी है रिपोर्ट
तरुण आहूजा
नित्य संदेश, मेरठ। सेंट्रल मार्केट में 661/6 कॉम्प्लेक्स के ध्वस्तीकरण के सदमे से अभी व्यापारी पूरी तरह उबर भी नहीं पाए हैं कि सुप्रीम कोर्ट की सख्ती और आदेश के बाद वे और बेचैन हो गए हैं। शास्त्रीनगर और जागृति विहार में 1468 अवैध निर्माण भी ध्वस्तीकरण की जद में आने के कारण व्यापारी दहशत में हैं।
व्यापारियों का कहना है कि यदि ये निर्माण ध्वस्त कराए गए तो
बाजार और परिवार उजड़ जाएंगे। इससे करीब एक लाख लोग प्रभावित होंगे। अवैध निर्माणों
पर कार्रवाई के बारे में आवास एवं विकास परिषद के अधिकारियों को दो माह में रिपोर्ट
देनी है। कोर्ट के इस आदेश के बाद शास्त्रीनगर और जागृति विहार समेत कई इलाकों में
व्यापारियों की चिंता कई गुना बढ़ गई है। मेरठ संयुक्त व्यापार संघ अध्यक्ष के साथ
व्यापारियों ने भाजपा नेताओं की चौखट पर मदद की गुहार लगाते हुए चेतावनी भी दी है।
उन्होंने कहा है कि अगर इस बार एक भी दुकान पर बुल्डोजर चला तो पूरा मेरठ अनिश्चितकाल
के लिए बंद कर दिया जाएगा। व्यापारी प्रतिनिधि मंडल ऊर्जा राज्यमंत्री डॉ. सोमेंद्र
तोमर और कैंट विधायक अमित अग्रवाल से मिला और राहत की मांग रखी। व्यापारियों का कहना
है कि वे वैधता को लेकर सरकार से समाधान चाहते हैं, ताकि परिवार और कारोबार दोनों सुरक्षित
रहें। दोनों जनप्रतिनिधियों ने शासन स्तर पर पूरी तरह से पैरवी करने का भरोसा दिलाया।
21 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में होनी है सुनवाई
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सेंट्रल मार्केट के आवासीय
भवन 661/6 में बने कॉम्पलेक्स को 26 अक्तूबर से लगातार दो दिन अभियान चलाकर ध्वस्त
किया गया। इसमें 22 दुकानदार थे। इन सभी की दुकानें टूट गईं। अब कई दुकानदारों ने आसपास
ही दोबारा व्यवसाय शुरू किया है। उधर, दूसरी ओर केवल 661/6 का ही ध्वस्तीकरण कर अन्य
अवैध निर्माण पर कार्रवाई न करने के मामले में आरटीआई कार्यकर्ता लोकेश खुराना की याचिका
पर 21 जनवरी को सुनवाई होनी है। इसी मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने अन्य अवैध
निर्माण ध्वस्त न होने पर नाराजगी जताते हुए इन पर कार्रवाई के आदेश दिए और दो माह
में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। वहीं, आवास एवं विकास परिषद की ओर से 661/6 एवं
31 अन्य भूखंड पर 90 दुकानदारों के खिलाफ अवमानना याचिका पर भी बुधवार को सुनवाई हुई।
नए आदेश के बाद कार्यवाही की संभावना बढ़ी
आवास विकास परिषद ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पहले ही शास्त्रीनगर
में 1468 अवैध निर्माण चिह्नित किए हैं। यहां बड़ी संख्या में आवासीय भवनों में शोरूम,
होटल, रेस्टोरेंट, बैंक, अस्पताल और बड़े स्टोर संचालित हैं, जिन्हें नियमों के खिलाफ
माना गया है। कोर्ट ने 17 दिसंबर 2024 को ही सभी अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने के
निर्देश दिए थे और अब नए आदेश के बाद कार्रवाई की संभावना और बढ़ गई है।
जागृति विहार और माधवपुरम भी निशाने पर
माधवपुरम के चारों सेक्टर में 5963 आवासीय संपत्तियां हैं, जिनमें
से 327 में व्यावसायिक गतिविधियां चल रही हैं। वहीं जागृति विहार में 5500 से अधिक
आवासीय भवनों में से करीब 495 घरों में कमर्शियल कारोबार संचालित है। शास्त्रीनगर की
6106 संपत्तियों में से 613 में अवैध व्यवसाय चल रहे हैं। सेक्टर-1 से 13 तक 6379 संपत्तियों
में से 860 में व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है। कैंट विधायक अमित अग्रवाल का कहना
है कि व्यापारियों को राहत देने के लिए बाजार स्ट्रीट घोषित किए जाने का प्रस्ताव शासन
को भेजा गया है। इस प्रस्ताव के लागू होने पर कई बाजारों को वैधता मिल सकती है।
व्यापारी आंदोलन की तैयारी में
संयुक्त व्यापार संघ के अध्यक्ष नवीन गुप्ता ने कहा कि 22 दुकानों
के टूटने का दर्द अभी कम नहीं हुआ और अब 1468 दुकानों पर कार्रवाई की नौबत आ गई है।
उन्होंने स्पष्ट कहा कि बाकी दुकानों को टूटने नहीं दिया जाएगा। जरूरत पड़ने पर मेरठ
के व्यापारी अनिश्चितकालीन बंद की तैयारी में हैं, जिसके लिए बैठक बुलाकर निर्णय लिया
जाएगा।

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