Breaking

Your Ads Here

Friday, November 21, 2025

करनावल सड़क निर्माण पर उठे सवालों के बीच हाईकोर्ट ने मांगी टेस्टिंग रिपोर्ट


-गुणवत्ता जांच में ढिलाई पर हाईकोर्ट नाराज़

-आदेश न मानने पर अधिकारियों को पेश होने की चेतावनी

नित्य संदेश ब्यूरो 
सरूरपुर। नगर पंचायत करनावल में बनाई जा रही सीसी सड़कों की गुणवत्ता को लेकर उठ रही लगातार शिकायतों पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बेहद सख्त रुख अपनाया है। हाईकोर्ट की डबल बेंच—न्यायमूर्ति अजीत कुमार और न्यायमूर्ति स्वरूपमा चतुर्वेदी—ने रूपेश कुमार बनाम स्टेट ऑफ यूपी एवं अन्य मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि गुणवत्ता से जुड़े दस्तावेजों के बिना कोई बहाना स्वीकार नहीं किया जाएगा। बेंच ने साफ निर्देश दिए कि नगर पंचायत द्वारा कराए जा रहे सड़क निर्माण कार्य की गुणवत्ता का परीक्षण रिपोर्ट, सामग्री के सैंपल और जिम्मेदार अधिकारियों का शपथपत्र हर हाल में अगली तारीख तक प्रस्तुत किया जाए। अदालत ने यह भी माना कि इस मामले में जनता द्वारा उठाए गए सवाल गंभीर हैं और इनके समाधान के लिए अदालत का हस्तक्षेप आवश्यक है।

*गुणवत्ता परीक्षण रिपोर्ट अनिवार्य, बिना रिपोर्ट के नहीं सुनी जाएगी कोई दलील*

अदालत ने स्पष्ट किया कि निर्माण सामग्री की गुणवत्ता जांच से जुड़ी रिपोर्ट अदालत में दाखिल किए बिना न तो नगर पंचायत और न ही प्रशासन किसी प्रकार की दलील देने की स्थिति में होगा। निर्माणाधीन सीसी रोड की जांच क्यों नहीं कराई गई, क्या निर्माण मानकों के अनुरूप किया जा रहा है, और यदि किया जा रहा है तो इसका प्रमाण क्या है — इन सभी सवालों के जवाब टेस्टिंग रिपोर्ट के माध्यम से ही मिलेंगे, यह कोर्ट ने स्पष्ट किया।

*ईओ करनावल को शपथपत्र दाखिल करने का निर्देश*

हाईकोर्ट ने नगर पंचायत करनावल के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (ईओ) का शपथपत्र अनिवार्य किया है।
शपथपत्र में यह बताना होगा कि
सड़क निर्माण में किस प्रकार की सामग्री का उपयोग किया गया, गुणवत्ता परीक्षण कब और किस प्रयोगशाला से कराया गया, और यदि परीक्षण नहीं हुआ तो इसका कारण क्या है। अदालत ने कहा कि बिना शपथपत्र और बिना रिपोर्ट के मामला आगे नहीं बढ़ेगा।


*अनुपालन न हुआ तो एसडीएम सरधना व ईओ को कोर्ट में होना पड़ेगा उपस्थित*

हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए चेतावनी दी है कि यदि आदेश का पालन समय पर नहीं किया गया तो एसडीएम सरधना और नगर पंचायत करनावल के ईओ को व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होना पड़ेगा। अदालत ने कहा कि सार्वजनिक कार्यों में लापरवाही सहन नहीं की जाएगी और अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।

*डीएम को 24 घंटे में आदेश की कॉपी उपलब्ध कराने का निर्देश*

हाईकोर्ट ने मेरठ जिलाधिकारी को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि अगले 24 घंटों के भीतर एसडीएम सरधना को अदालत के विस्तृत आदेश की जानकारी उपलब्ध कराई जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि देरी को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा क्योंकि मामला सीधे जनता के हित और सरकारी धन से जुड़े कार्यों का है।

*करनावल में जनता लंबे समय से उठा रही थी सवाल*

नगर पंचायत करनावल में बन रही सीसी सड़कों की गुणवत्ता को लेकर महीनों से स्थानीय नागरिकों में असंतोष था। बार-बार शिकायतें आने के बाद अदालत में जनहित में मामला उठाया गया। स्थानीय लोगों का आरोप है कि सड़क निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है, सड़कों की मोटाई मानकों के अनुरूप नहीं,और निर्माण कार्य में पारदर्शिता की कमी है। अदालत का नया आदेश इन शिकायतों को गंभीरता से लेने का संकेत देता है।


*अगली सुनवाई 9 दिसंबर को*

हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 9 दिसंबर के लिए निर्धारित की है।
तब तक सभी जरूरी दस्तावेज, सैंपल और एफिडेविट कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।


*सख्त संदेश: सार्वजनिक धन और कार्यों में गड़बड़ी नहीं बर्दाश्त*

हाईकोर्ट के आदेश को प्रशासन के लिए एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है कि सार्वजनिक धन, सार्वजनिक निर्माण और सार्वजनिक हित से किसी भी प्रकार का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस आदेश के बाद अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि स्थानीय प्रशासन अगली तारीख तक कितनी गंभीरता से आवश्यक दस्तावेज कोर्ट में प्रस्तुत करता है।

No comments:

Post a Comment

Your Ads Here

Your Ads Here