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Monday, November 24, 2025

जन जागरूकता कार्यक्रम, सीएमई व पोस्टर प्रतियोगिता का किया गया आयोजन

नित्य संदेश ब्यूरो 
मेरठ। उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार, विश्व प्रतिजैविक प्रतिरोध जागरूकता सप्ताह के अवसर पर “Act now, protect your present,secure our furure” (अभी कार्य करें, अपना वर्तमान बचाये, भविष्य सुरक्षित करें) के संदेश के साथ मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन एवं माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा जन जागरूकता कार्यक्रम, सी एम ई व पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। 

इस अभियान का उद्देश्य प्रतिजैविक दवाओं का के बढ़ते दुरुपयोग और उससे उत्पन्न हो रहे प्रतिरोध के खतरों के बारे में जनता तथा चिकित्सकों , दोनों को जागरूक करना था ताकि संक्रमणों के उपचार में दवाओं की प्रभावशीलता ,आने वाले समय में सुरक्षित रह सके।

मेडिसिन विभाग द्वारा ओपीडी आधारित जागरूकता गतिविधि
मेडिकल कॉलेज मेरठ की मेडिसिन द्वारा चिकित्सालय के बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में मरीज और उनके परिजनों को जागरूक करने के लिए विशेष गतिविधियां आयोजित की गई। यह गतिविधि मेडिसिन विभाग के आचार्य डॉ अरविंद कुमार के नेतृत्व में आयोजित की गई।
इस दौरान 
* प्रतिजैविक दवाओं का सही उपयोग
* ⁠बिना परामर्श दवा न लेने वायरस 
* ⁠बीमारी में एंटीबायोटिक से बचने तथा दवा का पूरा कोर्स पूरा करने जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर जानकारी दी गई। 

मेडिसिन विभाग में विभाग अध्यक्ष डॉक्टर योगिता सिंह द्वारा उपरोक्त के संबंध में एक सतत चिकित्सीय शिक्षा कार्यक्रम सी एम ई का भी आयोजन किया गया, जिसमें रेजिडेंट डॉक्टरों को प्रतिजैविक प्रतिरोध की बढ़ती वैश्विक समस्या, इसके कारण एवं परिणाम तथा अस्पतालों में संक्रमण नियंत्रण एवं एंटीमाइक्रोबियल स्टेवर्डशिप के महत्व के बारे में विस्तार से अवगत कराया गया। 

माइक्रोबायोलॉजी विभाग में नर्सिंग पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों हेतु भी एक पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
पोस्टर प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने आमजन की जागरूकता से संबंधित बहुत अच्छे-अच्छे पोस्टर बनाये।  

कार्यक्रम का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े सभी सदस्यों को इस अभियान में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करना था ताकि अस्पताल और समुदाय दोनों स्तरों पर प्रतिरोध की रोकथाम सुनिश्चित की जा सके। 

*निष्कर्ष*
प्रतिरोध बढ़ने के मुख्य कारण
* बिना डाक्टर की सलाह के दवाइयां लेना
* ⁠सर्दी खांसी जैसी वायरस बीमारी में भी एंटीबायोटिक का इस्तेमाल करना
* ⁠दवा का कोर्स बीच में ही बंद कर देना
* ⁠पुराने नुस्खे या दूसरों की दवा का उपयोग करना
* ⁠पशुओं और खेती में दबाव का अधिक प्रयोग किया जाना
* ⁠अस्पताल में साफ सफाई और संक्रमण नियंत्रण की कमी
*प्रतिरोध को कैसे रोके (जनता के लिए सरल उपाय)*
* दवाइयां का सही उपयोग
* ⁠एंटीबायोटिक सिर्फ डॉक्टर की सलाह से लें
* ⁠वायरल बुखार सर्दी जुकाम में एंटीबायोटिक के उपयोग न करें
* ⁠दवा का पूरा कोर्स करें
* ⁠बची हुई दवा फिर से न ले, ना किसी को दें
*स्वच्छता और रोकथाम*
* अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह साफ करें
* ⁠ख़ास्ते या चीकते समय अपने मुंह को पूरी तरह से ढके
* ⁠साफ पानी और ताजा भोजन इस्तेमाल करें
* ⁠टीकाकरण समय पर करें इससे बीमारियां रुकती हैं और दवाओं की जरूरत कम पड़ती है

प्रतिजैविक प्रतिरोध को रोकना एक सामूहिक जिम्मेदारी है समय रहते जागरूकता,सही दवा का उपयोग और स्वच्छता ही भविष्य को सुरक्षित रखने के मुख्य उपाय हैं। 
लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज मेरठ द्वारा आयोजित यह जागरूकता पहल राज्य सरकार के अभियान को महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान करती है और आने वाले वर्षों में स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत बनाने की दिशा में एक सार्थक कदम है। 

उपरोक्त कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज मेरठ के प्राचार्य डॉ आरसी गुप्ता,उप प्राचार्य डॉ ज्ञानेश्वर टॉक, आचार्य डॉ आभा गुप्ता, माइक्रोबायोलॉजी विभाग के विभाग अध्यक्ष,डॉ अमित गर्ग, डॉ संध्या गौतम,डॉ श्वेता शर्मा,डॉ स्नेह लता वर्मा,डॉ प्रेम प्रकाश मिश्रा,डॉ विवेक ऋषि,डॉ कारवी अग्रवाल तथा रेजीडेंट डॉक्टरों उपस्थित रहे।

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