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Sunday, November 2, 2025

इंद्रों ने भगवान पार्श्वनाथ को पांडुक शिला पर विराजमान किया


नित्य संदेश ब्यूरो 
मेरठ। आनन्दपुरी दिगंबर जैन मंदिर में अष्टाहनिका पर्व बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। प्रातः काल इंद्रों ने पांडुक शिला पर भगवान पार्श्वनाथ को विराजमान किया, उनका अभिषेक किया, तत्पश्चात शांति धारा की गई।

देव शास्त्र गुरु की तथा भगवान महावीर की नंदीश्वर दीप एवं पंचमेरू की पूजा की गई, तत्पश्चात आचार्य भारत भूषण द्वारा रचित कल्याण मंदिर स्तोत्र का विधान किया गया। इसमें भगवान पारसनाथ के जन्म से लेकर मोक्ष तक की सभी क्रियाएं उनके बाल्यकाल, भगवान के प्रति उनकी भक्ति, साधु अवस्था, तप की अवस्था, केवल ज्ञान, मोक्ष स्थान आदि का सभी वर्णन है। इस महामंडल विधान में 44 अर्घ मांडले पर चढ़ाए गए। सभी धार्मिक क्रियाएं अरुण कुमार जैन द्वारा संपन्न कराई गई। संध्या काल में स्वास्तिक 48 दीपों का अर्चन किया गया। इन सभी क्रियाओं में सत्येंद्र कुमार जैन, अचल जैन, अरुण जैन, राजीव जैन, प्रभात जैन आदि का सहयोग रहा।

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