डॉक्टर अनिल नौसरान
नित्य संदेश, मेरठ। 2022 में हमारे स्ट्रीट डॉग्स ने एक प्यारी-सी बच्ची को जन्म दिया था। वह मासूम इतनी कोमल, इतनी भोली थी कि घर के हर सदस्य ने उसे दिल से अपनाया। हमने उसका नाम प्यार से “मैगी” रखा। रोज़ उसके साथ खेलना, उसे खाना देना और उसकी छोटी-छोटी शरारतें देखना – यह सब हमारे परिवार की दिनचर्या का हिस्सा बन गया था। लेकिन एक दिन, हमारी ही समिति के कुछ निर्दयी लोगों ने उसके बच्चों को उठाकर कहीं दूर छोड़ दिया। उस घटना ने हमारे पूरे परिवार के दिल को तोड़ दिया। धीरे-धीरे जीवन आगे बढ़ता गया, दर्द दब गया… पर मैगी की यादें कभी पूरी तरह दिल से गई नहीं। उसका नाम सुनते ही आज भी भावनाएँ उमड़ आती थीं।
और फिर, आज सुबह 6 बजे…मैं घंटाघर केले लेने के लिए गया। वहाँ कुछ स्ट्रीट डॉग दिखे, मैं रुक गया। आदतन, मैंने उन्हें प्यार किया—कुछ बिस्कुट खरीदे और वापस गाड़ी की तरफ आया। जैसे ही मैंने कार का दरवाज़ा खोला—एक बहुत ही कमजोर, दुबला-सा बच्चा मेरी कार में घुसकर स्टेरिंग के नीचे बैठ गया। मैंने उसे धीरे-से पुचकारा, बिस्कुट दिए। उसने चुपचाप खा लिए… लेकिन मेरे कई प्रयासों के बाद भी वह नीचे उतरने को तैयार नहीं हुआ। जैसे उसे कोई अपनापन महसूस हो रहा था—जैसे उसे पता था कि यह जगह उसकी ही है।
वहीं पर केले बेचने वाले ने कहा, “साहब, इसे अपनी कॉलोनी में छोड़ देना… कुत्ते कहीं ऐसे जाते नहीं, किसी अपने के साथ ही जाते हैं।” उनकी यह बात मेरे दिल में उतर गई। मैं उसे धीरे-से गोद में लिया… वह मेरे पैरों के नीचे दुबककर घर तक चलता आया। और जैसे ही घर पहुंचे… घर में एक क्षण के लिए सन्नाटा छा गया…फिर अचानक सभी की आँखों में चमक लौट आई—“अरे! यह तो हमारी खोई हुई मैगी है!”
और वह पल…मानो किसी बिछड़े परिवार का पुनर्मिलन था—
घर हँसी, आँसू, भावनाओं और परम आनंद से भर गया। मैंने तुरंत उसे नहलाया, गर्म कपड़े पहनाए, और उसके लिए एक सुंदर-सा गर्म बिस्तर तैयार किया। आज घर में सिर्फ एक कुत्ता नहीं लौटा आज हमारा परिवार पूरा हुआ।
मैगी ने हमें यह सिखाया कि सच्चा प्रेम रास्ते ढूँढ लेता है।
भटके हुए कदम भी अपने घर वापस आ ही जाते हैं—
जब दिल में जगह हो। आज हमने सिर्फ एक स्ट्रीट डॉग नहीं अपनाया…आज हमने अपनी खोई हुई ख़ुशी को गले लगाया।
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