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Friday, November 21, 2025

धनसिंह कोतवाल की संघर्षगाथा एवं शहादत को नमन संगोष्ठी का आयोजन हुआ


नित्य संदेश ब्यूरो 
गाजियाबाद। क्रांतिनायक धनसिंह कोतवाल शोध संस्थान मेरठ द्वारा जनपद के ग्राम निठोरा लोनी में क्रांतिनायक धनसिंह कोतवाल जन्मोत्सव के अवसर पर धनसिंह कोतवाल जी की संघर्षगाथा एवं शहादत को नमन संगोष्ठी का आयोजन हुआ।

 कार्यक्रम अध्यक्ष चैनपाल सिंह, कार्यक्रम संयोजक कर्नल अतर सिंह, मुख्यवक्ता धनसिंह कोतवाल शोध संस्थान के चेयरमैन तस्वीर सिंह चपराना, मुख्य अतिथि लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर जी, अति विशिष्ट अतिथि जिला पंचायत सदस्य ईश्वर मावी जी, मनुपाल बंसल जी, कर्नल मोजीराम जी तथा क्रांतिकारी गांव भूडबराल के मुखिया जयचंद जी रहे। 

मुख्यवक्ता तस्वीर सिंह चपराना ने अपने संबोधन में कहा कि 1857 के क्रांतिनायक धनसिंह कोतवाल का जन्म 1814 में 27 नवंबर को हुआ था। धनसिंह कोतवाल एक अच्छे युद्ध नीति निर्माता, कुशल नेतृत्व कर्ता, और अद्भुत संगठन की क्षमता के धनी थे। धनसिंह कोतवाल ने 10 मई में 1857 को मेरठ में क्रांतिकारियों का नेतृत्व किया था उन्होंने मारो फिरंगी का नारा देकर अंग्रेजों को भारत से खदेडने की क्रांति का प्रारंभ किया था। आज धनसिंह कोतवाल को नमन करने के लिए सरकार ने कई कार्य किए हैं लेकिन जब तक धन सिंह कोतवाल जी को पाठ्य पुस्तकों में शामिल नहीं किया जाता, जब तक पुलिस सिग्नेचर भवन में धन सिंह कोतवाल जी की प्रतिमा का अनावरण नहीं किया जाता, जब तक धनसिंह कोतवाल जी के नाम से सरकारी कैलेंडर में कार्यक्रम घोषित नहीं किया जाता, तब तक धनसिंह कोतवाल जी की संघर्ष गाथा और शहादत को नमन करने का कार्य अधूरा है। 

मुख्य अतिथि लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने कहा धनसिंह कोतवाल जी के शहादत जाया नहीं जाएगी। उनके नाम पर लोनी में, मेरी विधानसभा में एक धनसिंह कोतवाल जी के नाम पर सड़क का नामकरण होगा । धन सिंह कोतवाल जी ने अपने प्राणों की परवाह किए बिना अंग्रेजों से मोर्चा लिया। उनके संघर्ष की लड़ाई किसी भी स्थिति में दूसरी क्रांतिकारी से काम नहीं है और वह एक तरह से महात्मा गांधी से ऊपर है। विधायक ने धनसिंह कोतवाल जी के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा यह हमारा दुर्भाग्य है। अभी तक धनसिंह कोतवाल जी को वह सम्मान नहीं मिला है जिसके वह हकदार थे। 

अति विशिष्ट अतिथि जयचंद मुखिया जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि 1857 की लड़ाई मेरठ से प्रारंभ होकर गगोल, गूमि, भूडबराल सीकरी होते हुए दिल्ली तक पहुंची थी। मुझे इस बात का गर्व है की भूडबराल के मेरे पूर्वजों ने धनसिंह कोतवाल जी की क्रांति में सहयोग देकर के 1857 में अंग्रेजों को भगाने का काम किया है। 

आज की संगोष्ठी में कर्नल अतर सिंह, कर्नल मोजीराम, जिला पंचायत सदस्य ईश्वर मावी, जिला अध्यक्ष भाजपा चेनपाल सिंह, पूर्व जिला अध्यक्ष भाजपा सतपाल सिंह आदि ने भी संबोधन किया । 

आज की बैठक का संचालन इंजीनियर जितेंद्र कुमार जो कार्यक्रम के संयोजक थे उन्होंने किया। कार्यक्रम के संरक्षक कर्नल अतर सिंह और कार्यक्रम की अध्यक्षता चेनपाल सिंह की। आज की बैठक में प्रमुख रूप से राजपाल सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, समय वीर जी, राममेहर जी, मैनपाल की, राजेंद्र प्रमुख, सत्येंद्र प्रधान तथा शोध संस्थान की सोशलमीडिया प्रमुख ज्योति एवं कार्यक्रम प्रबंधक अंशिका ने प्रतिभाग किया।

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