नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल में हर सप्ताह आयोजित होने वाले साप्ताहिक कार्यक्रम “वीकेंड अभिव्यक्ति” का आयोजन इस सप्ताह भी उत्साहपूर्वक किया गया। कार्यक्रम में भाषण प्रतियोगिता और क्विज के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से विशेष पौधारोपण अभियान भी सम्पन्न हुआ।
भाषण प्रतियोगिता – समसामयिक मुद्दों पर छात्रों ने रखे विचार
इस सप्ताह की भाषण प्रतियोगिता के विषय थे। एसआईआर (मतदाता सूची का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन), भारतीय संविधान, बिहार चुनाव,
भारत में शादियां। छात्र-छात्राओं ने इन विषयों पर प्रभावी, तर्कपूर्ण और शोधपरक अभिव्यक्ति प्रस्तुत की।
परिणाम
क्विज प्रतियोगिता:
प्रथम स्थान – अब्दुल्ला हसन, प्रेरणा भारती, प्रियांशु चौधरी
द्वितीय स्थान – कृष्णा भाटिया, सिद्धि
भाषण प्रतियोगिता:
प्रथम स्थान – संध्या
प्रतियोगिता का संचालन लवकुमार सिंह ने किया, जबकि भाषणों का मूल्यांकन डॉ. मनोज श्रीवास्तव द्वारा किया गया। इस अवसर पर डॉ. दीपिका वर्मा, डॉ. बीनम यादव, मितेंद्र गुप्ता, ज्योति निधि सहित अन्य संकाय सदस्य उपस्थित रहे। निदेशक प्रो. प्रशांत कुमार ने सभी विजेताओं को पुरस्कृत किया और विद्यार्थियों के प्रयासों की सराहना की। विशेष पौधारोपण कार्यक्रम पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। वीकेंड अभिव्यक्ति” के पश्चात, तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल एवं पावन चिंतन धारा के संयुक्त तत्वावधान में परिसर में विशेष पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें सभी शिक्षकों , कर्मचारियों और छात्रों ने एक-एक पौधा गोद लिया तथा उसकी नियमित देखभाल करने की शपथ भी ली।
इस अवसर पर निदेशक प्रो. प्रशांत कुमार ने कहा कि आज वायु प्रदूषण जिस तीव्रता से बढ़ रहा है, ऐसे समय में पौधारोपण जीवनदान के समान है। पेड़ हमारे परिवार के सदस्य की तरह हैं—हम इन्हें पूजते हैं, ये हमें ऑक्सीजन देकर जीवन देते हैं। इसलिए हमारा कर्तव्य है कि जिस पौधे को हमने लगाया है, उसकी देखभाल परिवार के सदस्य की तरह करें। इस अभियान में 50 से अधिक पौधे—नीम, पिलखान, जामुन, बरगद, गुलमोहर, मौला आदि—रोपे गए।
छात्रों ने पौधों की पहचान, उनकी उपयोगिता और संरक्षण के महत्व पर चर्चा भी की। पावन चिंतन धारा आश्रम के ट्रस्टी ज्ञानेंद्र कुमार ने कहा कि तिलक पत्रकारिता एवं जनसंचार स्कूल का यह संयुक्त कार्यक्रम न केवल छात्रों की रचनात्मकता और समझ को बढ़ाने में सहायक रहा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनकी जिम्मेदारी को भी मजबूत करने वाला साबित हुआ। “वीकेंड अभिव्यक्ति” और “पौधारोपण अभियान” दोनों ही गतिविधियाँ नैतिक, सामाजिक और पर्यावरणीय मूल्यों को सशक्त बनाने का संदेश देती हैं।

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