नित्य संदेश ब्यूरो
नोएडा। लेज़र वर्ल्ड ऑफ फोटोनिक्स इंडिया 2025, जो एक राष्ट्रीय
व्यापार मेले के रूप में स्थापित हो चुका है, इसका समापन बैंगलोर इंटरनेशनल एग्ज़िबिशन सेंटर में हो गया। यह भारत, जो दुनिया की सबसे
महत्वपूर्ण विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, में वैश्विक रणनीति और
बाजार की पहुँच के लिए एक अहम मंच बन गया है। इस ईवेंट का बढ़ता महत्व भारत में
महत्वाकांक्षी औद्योगिक और मैनुफैक्चरिंग के विकास में आधुनिक फोटोनिक्स और लेज़र
टेक्नोलॉजी का तेजी से होता इंटीग्रेशन प्रदर्शित करता है।
आईएमईए, मेसे मुंशेन के प्रेसिडेंट और मेसे मुंशेन इंडिया के सीईओ, भूपिंदर सिंह ने कहा, इस साल की ईवेंट में चर्चा का विषय ह्यक्योंह्ण से बदल कर कैसे हो गया। अब हम भारतीय बाजार की क्षमता को प्रमाणित नहीं कर रहे हैं, बल्कि बड़े स्तर पर टेक्नोलॉजिकल इंटीग्रेशन का क्रियान्वयन कर रहे हैं। यहाँ पर हुई बातचीत से आने वाले साल में पूंजी के आवंटन और पार्टनरशिप की रणनीतियों पर सीधा असर होगा। इससे सी-सुईट के लिए महत्वपूर्ण आवश्यकता के रूप में इस ईवेंट की स्थिति मजबूत हुई है।
मेसे मुंशेन के सीईओ, डॉ. रीनहार्ड फीफर ने
कहा, वैश्विक दिग्गजों को
भारत दो मुख्य अवसर पेश करता हैः विशाल घरेलू बाजार और तेजी से विकसित होता
इनोवेशन केंद्र। यहाँ पर जो बातचीत देखने को मिली है, वह केवल व्यक्तिगत
सेल्स के बारे में नहीं है, बल्कि वह मिलकर विकास करने, सप्लाई चेन के स्थानीयकरण और दीर्घकालिक सामरिक साझेदारियों के बारे में है।
इन वार्ताओं के लिए यह ईवेंट एक वार्षिक प्लेटफॉर्म है।
जसप्रीत सिद्धू, सीईओ, नेशनल सेंटर फॉर एडिटिव मैनुफैक्चरिंग (एनसीएएम) ने उद्योग के दृष्टिकोण के बारे में बताया, ह्यह्यलेज़र वर्ल्ड ऑफ फोटोनिक्स इंडिया ऑटोमोटिव और मोबिलिटी सेक्टर के लिए एक महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म है। यह इनोवेटर्स, शोधकर्ताओं और औद्योगिक लीडर्स को एक मंच पर लाता है, जहाँ वो देखते हैं कि अगली जनरेशन की टेक्नोलॉजी किस प्रकार ट्रांसपोर्ट में सुरक्षा, एफिशियंसी और सस्टेनेबिलिटी को बढ़ा सकती है। यहाँ पर हुए गठबंधन भविष्य के मोबिलिटी समाधानों में भारत को मजबूती के साथ आत्मनिर्भरता, वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता और लीडरशिप की ओर ले जाएंगे।
इस तीन दिन तक चले कार्यक्रम में 20 से अधिक देशों के संस्थानों ने 6,000 वर्गमीटर के क्षेत्र में 150 से ज्यादा प्रदर्शनियाँ लगाईं, जिनमें 10,844 औद्योगिक प्रोफेशनल्स
ने हिस्सा लिया। यहाँ पर 500 से अधिक
पूर्व-निर्धारित बी2बी मीटिंग्स हुईं। यहाँ
हुई व्यापक नेटवर्किंग और महत्वपूर्ण सौदे मल्टीनेशनल कंपनियों और घरेलू संस्थाओं
के लिए इस इवेंट की महत्वपूर्ण भूमिका दर्शाते हैं। इस ईवेंट में मांग और आपूर्ति
के बीच स्थापित तालमेल ने दक्षिण एशिया में विस्तार की रणनीति और बाजार में प्रवेश
करने के मुख्य माध्यम के रूप में इसकी भूमिका को उजागर किया।
इस कॉन्फ्रेंस का एजेंडा इस तरह से तैयार किया गया था ताकि टेक्नोलॉजिकल
एडॉप्शन और ऑपरेशनल इंटीग्रेशन की दोहरी चुनौतियों को संबोधित किया जा सके। दोनों
सत्रों में टेक्निकल प्रदर्शनों से आगे बढ़कर सप्लाई चेन्स में एफिशियंसी, सटीकता और इनोवेशन लाने
में फोटोनिक्स के व्यवसायिक पहलू का विश्लेषण भी किया गया।
आई.ई.ई.ई के सहयोग से फोटोनिक्स रिसर्च एंड इनोवेशन इन साईंस एंड
मैनुफैक्चरिंग (प्रिज़्म) कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस
ने मूलभूत रिसर्च का तालमेल कमर्शियल क्वांटम फोटोनिक्स के साथ बनाने के लिए एक
महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया। साथ ही, एनसीएएम के सहयोग से ह्यलेज़र-ड्राईवेन इनोवेशन इन एडिटिवह्ण पर आयोजित सेमिनार
में एडिटिव और स्मार्ट मैनुफैक्चरिंग में आरओआई एवं स्केलेबिलिटी का कठोर विश्लेषण
किया गया, जिससे एग्ज़िक्यूटिव्स
को लाभ और बढ़त पर टेक्नोलॉजी का प्रभाव स्पष्ट रूप से देखने को मिला। ईपीआईसी और
लिथुआनियन लेज़र एसोसिएशन के नेतृत्व में आयोजित फोरम ने क्वांटम कंप्यूटिंग से
लेकर डिफेंस तक के सेक्टर्स में ग्लोबल सप्लाई चेन डायनामिक्स और पार्टनरशिप के
अवसरों की बेजोड़ जानकारी प्रदान की।

No comments:
Post a Comment