नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। सेंटर फ्रेश और यूगॉव के एक नए
राष्ट्रीय अध्ययन ने खुलासा किया है कि ओवरथिंकिंग अब भारतीयों के दैनिक जीवन का
हिस्सा बन चुका है, सिर्फ संकट के
समय ही नहीं, बल्कि रोजमर्रा के
छोटे-छोटे फैसलों में भी वे ओवरथिंकिंग कर रहे हैं। परफेटी वैन मेल इंडिया में
डायरेक्टर मार्केटिंग गुंजन खेतान ने कहा, पहली बार सामने आई इस सेंटर फ्रेश इंडिया ओवरथिंकिंग रिपोर्ट के अनुसार, 81 प्रतिशत भारतीय रोजाना तीन घंटे से ज्यादा
समय ओवरथिंकिंग में बिताते हैं,
जबकि हर चार में से एक व्यक्ति मानता है कि यह उसकी लगातार बनी रहने वाली आदत है।
चाहे मैसेज का जवाब देना हो, खाने
का चुनाव करना हो, या इंस्टाग्राम
पर पोस्ट डालनी हो।
श्री खेतान ने बताया
कि आंकड़े बताते हैं कि
पीढ़ियों और क्षेत्रों से परे यह दोबारा सोचने की आदत हर जगह मौजूद है। बताया कि
सेंटर फ्रेश इंडिया ओवरथिंकिंग रिपोर्ट के ज़रिए हमारा उद्देश्य यह समझना था कि आज
की हाइपर-कनेक्टेड दुनिया में ओवरथिंकिंग कैसे सामने आती है और इसके नतीजे आंखें
खोल देने वाले हैं। चाहे मैसेज का जवाब हो या डिनर के चुनाव पर ज्यादा सोचना, ओवरथिंकिंग चुपचाप रोजमर्रा की आदत बन चुकी है।
इस विदंबना की अव्यवस्था को सामने लाकर यह रिपोर्ट रोज़मर्रा की ज़हनी स्पष्टता के
महत्व पर ज़रूरी बातचीत शुरू करती है। सेंटर फ्रेश का ताजगी भरा मिंटी जेल कोर इस
ओवरथिंकिंग के चक्र को तोड़ने में मदद करता है आपको याद दिलाता है कि अपनी
इंस्टिंक्ट्स पर भरोसा करें। तो कहिए जो आप महसूस करते हैं, पहनिए जो आपको पसंद है, पोस्ट कीजिए जिस पर आप विश्वास करते हैं और जब
संदेह हो तो ‘दिमाग पे रखो लगाम’।”
रिपोर्ट ने टियर 1, 2 और 3 शहरों के छात्रों, नौकरीपेशा लोगों और स्व-रोजगार से जुड़े लोगों से
सर्वेक्षण किया और चार प्रमुख क्षेत्रों भोजन एवं जीवनशैली की आदतें, डिजिटल और सोशल लाइफ, डेटिंग एवं रिश्ते और कॅरियर एवं प्रोफेशनल लाइफ
पर गहराई से अध्ययन किया नतीजों से पता चलता है कि टेक्नोलॉजी, सामाजिक अपेक्षाओं और लगातार जुड़े रहने की वजह
से आधुनिक जीवन की पेचीदगियाँ बढ़ रही हैं, जिससे ओवरथिंकिंग एक सार्वभौमिक आदत बन चुकी है।
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