नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। एलएलआरएम मेडिकल अस्पताल में जन्मे दो दुर्लभ जुड़वां बच्चों की मौत हो गई। डॉ. ने बताया कि लगभग 24 घंटे जिंदा रहने के बाद उन्होंने दम तोड़ दिया। हालांकि उन बच्चों की मां स्वस्थ है और मेडिकल में उसका इलाज चल रहा है।
ऑपरेशन करने वाली डॉ. रचना चौधरी ने बताया कि 30 जुलाई को वह महिला बागपत जिला अस्पताल से रेफर होकर आई थी। उसको जुड़वां बच्चों की जानकारी तो थी, लेकिन बच्चे ऐसे दुर्लभ हैं इस बात का उसको नहीं पता था। जब हमने महिला का अल्ट्रासाउंड कराया तो जुड़वां बच्चों की जानकारी हुई। ऐसे बच्चे लाखों में कही जाकर एक होते हैं। इसमें अलग-अलग प्रकार के जुड़वां बच्चे हो सकते हैं, लेकिन यह बच्चे अलग इसलिए थे कि इनका कई अंग आपस में जुड़े थे। डा. रचना ने बताया कि जब बच्चा बनता है तो उसके 15 दिन बाद वह दो में बट जाए तो ऐसे में उसके काफी शारीरिक अंग संयुक्त ही रह जाते हैं। इसमें अधिकतर बच्चों की छाती का हिस्सा आपस में जुड़ा होता है या पेट जुड़ा होता है। हम यह कह सकते हैं कि कोई एक हिस्सा जुड़ा होता है।
आमतौर पर देखा गया है कि इस प्रकार के जो बच्चे होते हैं वह या तो पेट में ही खत्म हो जाते हैं या समय से पहले हो जाते हैं। बहुत कम ही ऐसे बच्चे होते है जो नौ महीने निकाल पाते हैं। ऐसा जभी संभव है जब उनके मुख्य अंग ज्वाइंट न हो।
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