नित्य संदेश ब्यूरो
सरधना। सावन मास की शिवरात्रि पर बुधवार को जमकर बरसे बादलों के बीच
भी शिव भक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ। हरिद्वार से गंगाजल लेकर पहुंचे कांवड़ियों
ने अपने-अपने क्षेत्र के शिवालयों में भगवान आशुतोष का विधि-विधान से अभिषेक किया।
तेज बारिश के बावजूद भक्तों में भगवान शिव को जल चढ़ाने की होड़ दिखाई दी।
सावन की चतुर्दशी पर हरिद्वार से जल लेकर आए कांवड़ियों ने शिवरात्रि का
धार्मिक कार्य पूर्ण किया। मान्यता है कि सावन की शिवरात्रि का विशेष महत्व होता
है। इसी को लेकर एक ओर जहां कांवड़ियों ने गंगाजल से अभिषेक किया, वहीं शिव भक्तों ने भी
शिवालयों में पहुंचकर पूजा-अर्चना की। इस दौरान शिवालयों के
पुजारियों ने शिवरात्रि पर्व के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस दिन
भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
जलभराव से कांवड़ियों को हुई परेशानी
नगर और देहात क्षेत्र के विभिन्न शिवालयों में सुबह से ही पूजा-अर्चना और
जलाभिषेक करने वालों की भीड़ उमड़ी रही। हालांकि, नगर में भारी बारिश के
कारण हुए जलभराव से गुजरने वाले कांवड़ियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
जलभराव के बावजूद भक्तों का उत्साह चरम पर था और वे भगवान शिव को प्रसन्न करने के
लिए हर मुश्किल का सामना करने को तैयार नजर आए। वहीं पुलिस प्रशासन की ओर से सभी
मंदिरों पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई। भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया
गया। शिवरात्रि का पर्व शांतिपूर्वक सकुशल संपन्न होने पर पुलिस प्रशासन ने राहत
की सांस ली।
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