Breaking

Your Ads Here

Monday, July 14, 2025

चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय छात्र पर्यावरण प्रतियोगिता (एनएसपीसी)-2025 को दिया समर्थन, ‘हरित: द वे ऑफ लाइफ’ कार्यक्रम का पोस्टर हुआ जारी

नित्य संदेश ब्यूरो 
मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय छात्र पर्यावरण प्रतियोगिता (नेशनल स्टूडेंट पर्यावरण कॉम्पटीशन) एनएसपीसी-2025 को न सिर्फ समर्थन दिया है, बल्कि इसे विश्वविद्यालय परिसर और संबद्ध महाविद्यालयों में समन्वित रूप से आयोजित भी कर रहा है। इसी कड़ी में सोमवार को विश्वविद्यालय परिसर स्थित कुलपति कार्यालय में एनएसपीसी-2025 कार्यक्रम का पोस्टर कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला एवं मुख्य अतिथि डॉ रामावतार (पर्यावरण गतिविधि के मेरठ प्रांत संयोजक) ने जारी किया। 

इस अवसर पर प्रतिकुलपति प्रोफेसर मृदुल कुमार गुप्ता, शोध निदेशक प्रोफेसर बीरपाल सिंह, प्राणी विज्ञान विभाग की प्रोफेसर बिंदु शर्मा तथा एमएमएच कॉलेज, गाजियाबाद के प्राचार्य प्रोफेसर संजय कुमार सिंह , परीक्षा नियंत्रक वीरेंद्र कुमार मौर्य सहित परीक्षा नियंत्रक, डॉ प्रदीप पंवार इत्यादि मौजूद रहे।

यह प्रतियोगिता ‘हरित : द वे ऑफ लाइफ’ (स्वदेशी परंपराओं के पुनर्जीवन हेतु समग्र प्रयास) विषय पर आधारित है, जिसका उद्देश्य है — हर नागरिक की भागीदारी, पर्यावरण की जिम्मेदारी। यह अभियान पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय तथा भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के समर्थन से पर्यावरण संरक्षण गतिविधियां और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों द्वारा समर्थित (एंडोर्स्ड) है। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने भी इसका समर्थन करते हुए सहभागिता हेतु भरोसा दिलाया है।

प्रतियोगिता की मुख्य विशेषताएं
पंजीकरण एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता : 1 जुलाई से 21 अगस्त 2025 तक
परिणाम घोषणा : 30 अगस्त 2025
पंजीकरण प्रक्रिया : प्रतिभागियों को पौधारोपण करते हुए, जल संरक्षण करते हुए या कचरा पृथक्करण करते हुए अपनी स्वफोटो (सेल्फी) अपलोड करनी होगी।
प्रतिभागी वर्ग : कक्षा 1 से 5, कक्षा 6 से 8, कक्षा 9 से 12, स्नातक, परास्नातक, शोधार्थी तथा अन्य इच्छुक नागरिक।
सम्मान : सभी प्रतिभागियों को ई-प्रमाणपत्र प्रदान किया जाएगा।
पंजीकरण : www.paryavaransanrakshan.org वेबसाइट पर या पोस्टर पर प्रदर्शित क्यूआर कोड को स्कैन कर नामांकन किया जा सकता है।

इस अवसर पर माननीय कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने कहा, “आज सबसे बड़ा सवाल यह है कि हम आने वाली पीढ़ी को क्या देकर जाएंगे। छोटे-छोटे बच्चे भी आज सांस संबंधी गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं, जिसका मुख्य कारण बढ़ता प्रदूषण है। केवल पैसों से नहीं, बल्कि सामूहिक प्रयासों से ही हम अगली पीढ़ी को स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण सौंप सकते हैं। इस प्रकार के कार्यक्रम छात्रों में जिम्मेदारी और जागरूकता की भावना को मजबूत करते हैं।”

मुख्य अतिथि डॉ रामावतार ने कहा, “पर्यावरण संरक्षण केवल सरकारी नीतियों से ही संभव नहीं है, इसके लिए समाज के हर वर्ग को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। इस प्रकार की छात्र प्रतियोगिताएं बच्चों और युवाओं में प्रकृति के प्रति प्रेम और संवेदना विकसित करती हैं, जिससे वे व्यवहारिक तौर पर भी हरित जीवनशैली को अपनाने के लिए प्रेरित होते हैं।”

कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए प्राणी विज्ञान विभाग की प्रोफेसर बिंदु शर्मा को विश्वविद्यालय परिसर के लिए समन्वयक तथा प्रोफेसर संजय कुमार सिंह, प्राचार्य एमएमएच कॉलेज, गाजियाबाद को संबद्ध महाविद्यालयों के लिए समन्वयक नामित किया गया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने सभी विभागाध्यक्षों, महाविद्यालयों तथा संबद्ध संस्थानों से आह्वान किया है कि वे अधिक से अधिक छात्र-छात्राओं, शिक्षकों एवं कर्मचारियों को ईको-मित्र बनाकर इस अभियान में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करें।

No comments:

Post a Comment

Your Ads Here

Your Ads Here