Breaking

Your Ads Here

Sunday, June 29, 2025

प्रकृति एक संसाधन है जिसका प्रबंधन और दोहन अधिकतम आर्थिक उत्पादन के लिए किया जाना चाहिए

नित्य संदेश ब्यूरो 
मेरठ। शहीद मंगल पाण्डे राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय माधवपुरम एवं न्यूक्लियस ऑफ़ लर्निंग एंड डेवलपमेंट के संयुक्त तत्वाधान में गूगल मीट के माध्यम से आयोजित 10 दिवसीय सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम के पंचम दिवस में अतिथि वक्ता के रूप में दासरी नरसिम्हा, आई आई टी, गुवाहाटी कार्यक्रम में उपस्थित रहे। 

कार्यक्रम की शुरुआत में न्यूक्लियस ऑफ़ लर्निंग एंड डेवलपमेंट संस्थान की ओर से डॉ. निधि सेनदुर्निकर ने कार्यक्रम की संक्षिप्त रूपरेखा, उद्देश्य व लक्ष्य समस्त के साथ साझा किये। कार्यक्रम समन्वयक प्रो. लता कुमार ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। सत्र के मुख्य वक्ता दासरी नरसिम्हा ने “भारतीय ज्ञान परंपरा में चुनौतियाँ: प्रतिरोध का सामना करना, आत्मविश्वास को पुनः स्थापित करना, तथा भारतीय ज्ञान को पुनः प्राप्त करना” विषय पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। आपने बताया प्रकृति एक संसाधन है जिसका प्रबंधन और दोहन अधिकतम आर्थिक उत्पादन के लिए किया जाना चाहिए। नीति नियंत्रण, निष्कर्षण और मानव प्रभुत्व पर आधारित है। भारतीय दृष्टिकोण के अनुसार प्रकृति (प्रकृति) एक जीवित, पवित्र इकाई है। नीति धर्म (कर्तव्य) और सद्भाव (ऋत) पर आधारित होनी चाहिए, जो सभी प्राणियों के लिए स्थिरता सुनिश्चित करे। 

उन्होंने बताया कि भारतीय ज्ञान परंपरा की एक चुनौती स्वीकृति है । एक शानदार विचार बेकार है अगर कोई इसे स्वीकार नहीं करता है। दशकों से संस्थागत कैदी की तरह, एक प्रणाली के आदी दिमाग अक्सर एक नई प्रणाली की "स्वतंत्रता" से डरते हैं। समस्या ज्ञान नहीं है; यह अपरिचित के प्रति गहरा मानवीय प्रतिरोध है। इसका एक रास्ता अनुप्रयोग है । पुनर्निर्मित मन के साथ, अब आप आधुनिक समस्याओं को भारतीय दृष्टिकोण से देख सकते हैं। लक्ष्य आधुनिकता को अस्वीकार करना नहीं है, बल्कि इसे स्वदेशी ज्ञान पर आधारित करना है। आपने नाड़ी शोधन, प्राणायाम, अनुनय की कला और पर्यावरण नीति आदि पर भी विचार किया 

साथ ही प्रतिभागियों के साथ प्रयोगात्मक विमर्श भी किया। 
सत्रांत में प्रतिभागियों ने मुख्य वक्ता के साथ अपनी जिज्ञासाओं को साझा किया जिसका पूर्ण समाधान मुख्य वक्ता द्वारा सहजता से किया गया। कार्यक्रम के सह-समन्वयक डा. विकास ने समापन वक्तव्य प्रस्तुत किया। आयोजन समिति सदस्य प्रो. भारती दीक्षित के द्वारा अतिथियों, अधिकारियों व प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

No comments:

Post a Comment

Your Ads Here

Your Ads Here