नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। महावीर आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज
एवं हॉस्पिटल के शल्य तंत्र विभाग ने एक और
उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करते हुए एक जटिल भगंदर केस का सफल उपचार आयुर्वेद की
पारंपरिक एवं प्रभावशाली क्षारसूत्र चिकित्सा पद्धति के माध्यम से किया। इस शल्य क्रिया का नेतृत्व वरिष्ठ आयुर्वेदिक शल्य चिकित्सक डॉ. पल्लवी सुमन
एवं डॉ. अजीत द्वारा किया गया। साथ ही ऑपरेशन के सफल संचालन में डॉ. अतुल कुमार, डॉ. प्रविंदर कुमार, डॉ. उपेंद्र, डॉ. अंकित एवं ओटी टेक्नीशियन जितेंद्र का भी सराहनीय योगदान रहा। मरीज की स्थिति अब स्थिर है और वह तेजी से स्वस्थ हो रहा है। महावीर
आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल की यह सफलता आयुर्वेद के शल्य विज्ञान में
बढ़ते विश्वास एवं क्षमता को दर्शाती है।
क्या है भगंदर?
भगंदर, एक जटिल एवं कष्टदायक रोग होता
है, जिसमें गुदा मार्ग के पास एक
असामान्य नाली (ट्रैक) बन जाती है, जिससे बार-बार पीप आना, सूजन एवं दर्द जैसी परेशानियां बनी रहती हैं।
आयुर्वेद में इसे अष्ट महागद (आठ जटिल रोगों) में गिना गया है।
क्षारसूत्र चिकित्सा झ्र आयुर्वेद की अनूठी देन
उपचार में प्रयुक्त क्षारसूत्र चिकित्सा एक औषध-संयुक्त धागे का उपयोग करती है, जिसे रोगग्रस्त नली में बाँधा जाता है। यह विधि
संक्रमण को समाप्त करते हुए धीरे-धीरे नली को काटती और भरती है, जिससे रोग की पुनरावृत्ति की संभावना न के बराबर होती
है। यह तकनीक आधुनिक चिकित्सा प्रणाली की तुलना में अधिक सुरक्षित, किफायती और प्रभावशाली मानी जाती है।
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