लियाकत मंसूरी
नित्य संदेश, मेरठ। कैंट के सदर बाजार स्थित बिल्वेश्वरनाथ महादेव मंदिर पर अवैध तरीके से कब्जे का मामला प्रकाश में आया है, जिसकी वरिष्ठ अधिवक्ता रामकुमार शर्मा ने की है। बतादे कि मंदिर को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा संरक्षित स्मारक घोषित किया गया है। लेकिन आज कल मंदिर, गंभीर अतिक्रमण व अवैध निर्माण की गतिविधियों का शिकार बनता जा रहा है।
रामकुमार शर्मा एडवोकेट का कहना है कि यह मंदिर ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण
है, किंतु कुछ स्वार्थी तत्वों द्वारा
धार्मिक आयोजनों की आड़ में स्थायी कब्जा जमाने और मंदिर परिसर की मूल वास्तुकला
को नुकसान पहुँचाने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। इस अत्यंत गंभीर प्रकरण को लेकर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के महानिदेशक को एक विस्तृत शिकायत पत्र भेजा गया है। उन्होंने तत्काल अवैध अतिक्रमण हटाने, स्थल निरीक्षण करवाने, सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
शिकायत के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
• मंदिर परिसर में अवैध निर्माण
तेजी से हो रहे हैं, जो प्राचीन संरचना को अपूरणीय क्षति पहुँचा रहे हैं।
• धार्मिक आयोजनों की आड़ में
स्थायी रूप से कब्जा करने की कोशिशें हो रही हैं।
• प्राचीन स्मारक एवं पुरातत्व
अधिनियम 1958 की धारा 19 व 20 का उल्लंघन स्पष्ट रूप से हो
रहा है।
• सुप्रीम कोर्ट के फैसले एएसआई बनाम मध्य
प्रदेश राज्य ((AIR 2002 SC 624)) में ऐसे अतिक्रमण को सख्ती से
रोके जाने के निर्देश हैं।
• भारत के संविधान के अनुच्छेद-49 के तहत राज्य की जिम्मेदारी है कि वह स्मारकों की
रक्षा करे।
किन विभागों में की गई है शिकायत:
1. महानिदेशक, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग नई दिल्ली
संरक्षित स्मारक की सुरक्षा
हेतु त्वरित स्थल निरीक्षण और विधिक कार्रवाई की मांग।
2. सचिव, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार
सांस्कृतिक धरोहरों पर हो रहे हमलों को रोकने हेतु मंत्रालयीय स्तर पर
हस्तक्षेप की मांग।
3. जिलाधिकारी, मेरठ
स्थानीय प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने और पुलिस बल की सहायता से अवैध
गतिविधियों पर रोकथाम की मांग।
4. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक / पुलिस
महानिरीक्षक, मेरठ
मंदिर परिसर की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाने व आवश्यकतानुसार धारा-144 लागू करने की मांग।
5. निदेशक, पुरातत्व विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार
राज्य स्तर पर स्मारक संरक्षण नीति के अनुसार कार्यवाही की मांग।
प्रार्थना की गई मांगें:
• एएसआई द्वारा
मंदिर परिसर का त्वरित स्थल निरीक्षण कर अतिक्रमण चिह्नित किया जाए।
• स्थायी पुलिस बल और सीसीटीवी निगरानी
की व्यवस्था की जाए।
• संरक्षित क्षेत्र में हो रहे
अवैध निर्माण कार्यों को तत्काल रोका जाए।
• जिला प्रशासन द्वारा अतिक्रमण
हटाने की तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
• भारत के संविधान के अनुच्छेद 49 और पुरातत्व अधिनियम 1958 के अनुसार कड़ी कानूनी कार्यवाही हो।
No comments:
Post a Comment