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Friday, June 6, 2025

चैरिटेबल ब्लड सेंटर्स की आड़ में हो रही खून की कालाबाजारी: डा. नौसरान

 


नित्य संदेश ब्यूरो

मेरठ। चैरिटेबल ब्लड सेंटर्स की आड़ में खून की कालाबाजारी की जा रही है। नेशनल यूनाइटेड फ्रंट ऑफ डॉक्टर्स ने इस मामले में सख्त कार्यवाही की मांग उठाई है।


मीडिया को जारी बयान में नेशनल यूनाइटेड फ्रंट ऑफ डॉक्टर्स के संस्थापक डॉ. अनिल नौसरान ने राज्य भर में चैरिटेबल ब्लड सेंटर्स द्वारा की जा रही अनियमितताओं और ब्लड कालाबाजारी पर गहरी चिंता व्यक्त की है। कहा कि "कुछ व्यक्ति मिलकर ट्रस्ट के नाम पर ब्लड बैंक का लाइसेंस प्राप्त कर रहे हैं, जबकि न तो ट्रस्ट का कोई सामाजिक कार्य में इतिहास होता है और न ही उनके पास आवश्यक चिकित्सा योग्यता। यह एक सुनियोजित व्यापार बन चुका है, जो स्वास्थ्य सेवा के नाम पर जनता के साथ धोखा है।"


क्यों मिल रहा बढ़ावा

बिना अनुभव वाले ट्रस्टों को ब्लड सेंटर लाइसेंस देना। एमबीबीएस डॉक्टरों द्वारा ब्लड बैंक संचालन, जबकि यह जिम्मेदारी केवल एमडी के पास होनी चाहिए। रक्तदाताओं को टी-शर्ट, टिफिन, बॉटल आदि देकर लुभाना, जिससे प्रोफेशनल डोनर सक्रिय हो रहे हैं। एक शहर से दूसरे शहर में सैकड़ों किलोमीटर दूर रक्त भेजना, जिससे खून की कालाबाजारी को बढ़ावा मिल रहा है।


रक्तदाता को दिया जा रहा लालच

डॉ. अनिल नौसरान ने मांग की कि ट्रस्ट को लाइसेंस देने से पहले उसके सामाजिक कार्यों का 10 वर्षों का रिकॉर्ड अनिवार्य किया जाए। बल्क ट्रांसफर की प्रक्रिया पर रोक लगे और रक्त का उपयोग उसी शहर में हो जहाँ दान हुआ हो। गिफ्ट देकर रक्तदान को प्रलोभन न बनाया जाए, बल्कि इसके प्रति लोगों को सही जानकारी और प्रेरणा दी जाए।


संस्था की अपील

राष्ट्रीय संयुक्त डॉक्टर्स मोर्चा ने राज्य सरकार, एफडीए और एसबीटीसी से अपील की है कि इस पर तत्काल संज्ञान लिया जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि आमजन का भरोसा रक्त सेवा प्रणाली पर बना रहे।

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