नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। राज्य ललित कला अकादमी उत्तर प्रदेश संस्कृति प्रभार एवं ललित कला विभाग चौधरीचरण सिंह विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित 20 दिवसीय कार्यशाला के अंतर्गत आज विषय विशेषज्ञ द्वारा 3D न्यूरल पेंटिंग का प्रशिक्षण प्रतिभागियों को दिया गया।
कलाकार प्रोफेसर ऋषिका पांडे, गिन्नी देवी कॉलेज मोदीनगर, एवं डॉ वंदना शर्मा डी जे कॉलेज बड़ौत तथा आर्टिस्ट शिप्रा शर्मा ने प्रतिभागियों को 3D पेंटिंग की बारीकियां से अवगत कराया। प्रोफेसर ऋषिका पानी में बताया कि 3D वॉल पेंटिंग जिस भित्ति चित्रण या दीवार कला के रूप में भी जाना जाता है एक पेंटिंग तकनीक है और वह एक सपाट सत्य जैसे की दीवार पर गहराई और आयाम का भ्रम पैदा करती है यह कलाकार एक लोकप्रिय रूप है जिसका उपयोग घरो सार्वजनिक स्थान और अन्य क्षेत्रों को सजाने के लिए किया जा सकता है।
प्रोफेसर अलका तिवारी ,समन्वयक ने कहा की 3D मूर्ति कला के लिए मिट्टी प्लास्टर व मॉम आदि सामग्री तथा विभिन्न उपकरण जैसे स्क्लप्टिंग टूल ब्रश एवं रंग के लिए एक्रेलिक तेल रंग या स्प्रे पेंट की आवश्यकता पड़ती है। विभिन्न प्रकार के ब्रश फ्लैट ब्रश राउंड ब्रश और डिटेल ब्रश भी 3D कलाकारी में प्रयुक्त होते हैं। विद्यार्थी इस कला को सीख कर अपने रोजगार के रूप में प्रयोग कर सकते हैं। युवा कलाकारों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में 3D पेंटिंग बहुत ही उपयोगी कला है।
कलाकारों ने 3D आर्ट में प्राकृतिक दृश्य, गणेश जी,घोड़ा मोर, कमल के फूल, सूरज, शंख,, बांसुरी, पशु पक्षीआदि की सुंदर-सुंदर आकृतियों बनाई ।कार्यशाला में बाहर से आए हुए शिक्षकों व शिक्षार्थियों नए समूह बनाकर प्रशिक्षण प्राप्त किया। कार्यशाला के आयोजन में डॉ शालिनी धामा, डॉ पूर्णिमा वशिष्ठ, दीपांजलि,शालिनी त्यागी, का विशेष सहयोग रहा।
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