नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत
वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों ने नियमानुसार कार्य आंदोलन
(वर्क टू रूल) प्रारम्भ कर दिया। ऊर्जा भवन कार्यालय में विरोध
सभा हुई। जिसमें सभी बिजली कर्मचारियों ने निजीकरण के
विरुद्ध अपनी आवाज़ बुलंद की।
बिजली कर्मचारियों ने प्रदेश के समस्त जनपदों और परियोजनाओं पर बुधवार शाम 5:00 बजे विरोध सभा की। संघर्ष समिति ने पुनः कहा है कि
अवैध ढंग से नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन की नियुक्ति का
आदेश तत्काल निरस्त किया जाए। संघर्ष समिति मेरठ के
पदाधिकारियों इं सीपी सिंह (सेवानिवृत), इं कृष्ण कुमार साराश्वत, इं निखिल कुमार, इं निशान्त त्यागी, इं प्रगति राजपूत, कपिल देव गौतम, जितेन्द्र कुमार, दीपक कश्यप, प्रदीप डोगरा, दिलमनी, मांगेराम, भूपेंद्र, कासिफ आदि ने कहा कि निजीकरण के
मुद्दे पर वार्ता का समुचित वातावरण बनाने हेतु समस्त उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियां
वापस ली जाए। शाम 5:00 बजे के बाद से अगले दिन सुबह 10:00 बजे तक बिजली कर्मचारी और अभियन्ता कोई कार्य नहीं
करेंगे।
अशांति का वातावरण बना रहा विभाग
संघर्ष समिति ने कहा कि कार्यालय समय के उपरान्त प्रबन्धन द्वारा बुलाई गई
वीडियो कान्फ्रेसिंग में भी आज से विद्युत अभियन्ता प्रतिभाग नहीं करेंगे। संघर्ष
समिति ने निजीकरण के मामले में प्रबन्धन पर हठवादी और उत्पीड़नात्मक रवैया अपनाने
का आरोप लगाते हुए कहा है कि भीषण गर्मी में पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन अनावश्यक तौर
पर औद्योगिक अशांति का वातावरण बना रहा है।
निजीकरण के पीछे भारी भ्रष्टाचार और घोटाला हो रहा
संघर्ष समिति ने कहा कि निजीकरण हेतु नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसलटेंट
ग्रांट थॉर्टन का झूठा शपथ पत्र, अमेरिका में लगाई गई पेनाल्टी
और फर्जीवाड़ा सामने आने के बावजूद उसके नियुक्ति आदेश को रद्द करने की फाइल विगत
एक माह से पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन दबाए हुए हैं। संघर्ष समिति ने कहा कि ऐसा
लगता है कि पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन, कंसल्टेंट ग्रांट थॉर्टन और
निजी घरानों के बीच कोई मिली भगत है। संघर्ष समिति ने कहा कि पूर्वांचल विद्युत
वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के पीछे भारी भ्रष्टाचार
और घोटाला हो रहा है।
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