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Thursday, May 1, 2025

वेंकटेश्वरा को नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप क्वालिटी एजुकेशन शोध व नवाचारों के बल पर ‘सेन्टर ऑफ़ एक्सीलेंस’ के रूप में विकसित करेंगे: डा. राजीव त्यागी


वेंकटेश्वरा में ‘बाईनरी एक्रीडियेशन एवं इमोशनल कान्शियेंट’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन 

नित्य संदेश ब्यूरो 
मेरठ। राष्ट्रीय राजमार्ग बाईपास स्थित श्री वेंकटेश्वरा विश्वविद्यालय / संस्थान में उच्च शिक्षा में ‘बाईनरी मान्यता एवं इमोशनल कान्शियेंट’ विषय पर एकदिवसीय कार्यशाला का शानदार आयोजन किया गया, जिसमे मुख्य अतिथि / वक्ता के रूप में प्रतिभाग करते हुए विख्यात शिक्षाविद एवं संगम विश्वविद्यालय भीलवाड़ा राजस्थान के प्रेसिडेंट प्रो.(डा.) करुणेश सक्सेना ने कहा कि बहुत ही शानदार क्रान्तिकारी नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अन्दर निहित विश्वविद्यालयों एवं उच्च शैक्षिक संस्थानों की गुणवत्ता के नये मापदण्ड ‘बाईनरी मान्यता’ के लागू हो जाने से जहाँ एक ओर शिक्षा की गुणवत्ता एवं उत्कृष्टता को बढ़ावा मिलेगा, वही दूसरी ओर देश के दूरदराज के इलाकों एवं ग्रामीण अंचल में स्थापित उच्च शैक्षणिक संस्थानों की शिक्षा व्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेगा |

श्री वेंकटेश्वरा विश्वविद्यालय / संस्थान के आई.क्यू.ए.सी. विभाग की ओर से अटल सभागार में आयोजित ‘बाईनरी एक्रीडियेशन एवं इमोशनल कान्शियेंट’ विषय पर आयोजित एकदिवसीय कार्यशाला का शुभारम्भ संस्थापक अध्यक्ष श्री सुधीर गिरी, मुख्य अतिथि संगम विश्वविद्यालय भीलवाड़ा राजस्थान के अध्यक्ष प्रो.(डा.) करुणेश सक्सेना, प्रतिकुलाधिपति डा. राजीव त्यागी, कुलपति प्रो. (डा.) कृष्णकान्त दवे, कुलसचिव प्रो. पीयूष पाण्डेय, कार्यक्रम संयोजक डा. नीतू पंवार आदि ने दीप प्रज्ज्वलित करके किया | 
एकदिवसीय कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि विख्यात शिक्षाविद एवं संगम विश्वविद्यालय राजस्थान के कुलपति प्रो.(डा.) करुणेश सक्सेना ने कहा कि शानदार नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत अब उच्च शैक्षणिक संस्थानों को पुराने ‘ग्रेडिंग सिस्टम’ को खत्म कर नयी ‘बाईनरी मान्यता’ को लागू किया जा रहा है | जिससे एक ओर शिक्षा की गुणवत्ता एवं उत्कृष्टता को बढ़ावा मिलेगा, वही देश के दूरदराज एवं ग्रामीण क्षेत्रों के शिक्षण संस्थानों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा | उन्होंने कहा कि जल्द ही ‘विश्वविद्यालय अनुदान आयोग’ (यू.जी.सी.) का अस्तित्व भी खत्म होकर यह ‘भारतीय उच्च शिक्षा आयोग’ (एच.ई.सी.आई.) में बदल जायेगा, जो शिक्षा में सुधारों के नये मापदण्ड स्थापित करेगा | 
इस अवसर पर डीन एकेडेमिक डा. राजेश सिंह, कार्यक्रम संयोजक एवं निदेशक आई.क्यू.ए.सी. डा. नीतू पंवार, समूह सलाहकार आर.एस.शर्मा, डा. टी.पी. सिंह, डा. सी.पी. सिंह, डा. विश्वनाथ झा, डा. लक्ष्मण सिंह रावत, डा. योगेश्वर शर्मा, डा. आशुतोष गौतम, डा. मनीष शर्मा, डा. मंजरी राणा, डा. आशुतोष सिंह, डा. अश्विनी सक्सेना, डा. धीरज दुबे, डा. ओमप्रकाश गुसाई, डा. अनिल कुमार जायसवाल, डा. आरती गुप्ता, डा. ज्योति सिंह, डा. शिल्पा रैना, कुमारी स्मिता चंद्रा, डा. विकास पांडे, डा. राम कुमार, डा.प्रिया, प्रान्शुल सेठी, लोकेश गर्ग, अविनाश सिंह, नागेन्द्र प्रताप सिंह, सचिन कुमार, दीक्षा चौहान, कुमारी तनु श्री व्यास, डा. पूर्वा बाला, पूजा ठाकुर, कुमारी अंजलि ठाकुर, डा. अमित कुमार, हिमानी चौहान, अनुषा कर्णवाल, सुमनदीप कौर, पूजा एरी, हरप्रीत कौर, अखिल कुमार, मारुफ़ चौधरी, विनीत, अजय, प्रितपाल वैद्य एवं मेरठ परिसर से निदेशक डा. प्रताप सिंह एवं मीडिया प्रभारी विश्वास राणा आदि लोग उपस्थित रहे | कुलसचिव प्रो. पीयूष पाण्डेय ने धन्यवाद ज्ञापन देकर अतिथियों का आभार व्यक्त किया |

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