नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। पूर्वांचल
विद्युत वितरण निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण हेतु एनर्जी
टास्क फोर्स की हो रही बैठक के एजेंडा पर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उप्र ने गहरी आपत्ति दर्ज करते हुए मांग की है कि एनर्जी टास्क फोर्स
कंसल्टेंट के बिडिंग डॉक्यूमेंट को स्वीकार न करे और निजीकरण की चल रही प्रक्रिया
निरस्त की जाए।
संघर्ष समिति के आह्वान पर बुधवार से शुरू हुआ वर्क टू रूल आंदोलन गुरुवार का भी जारी रहा। वर्क टू रूल आंदोलन के दौरान बिजलीकर्मी प्रातः 10 से शाम 05 बजे तक निर्धारित ड्यूटी अवधि में
ही कार्य कर रहे हैं। विद्युत अभियंताओं ने पॉवर कॉरपोरेशन प्रबन्धन द्वारा की गई
वीडियो कान्फ्रेसिंग का ठीक 05 बजे सामूहिक रूप से बहिष्कार
किया। संघर्ष समिति ने कहा है कि वर्क टू रूल के दौरान ड्यूटी आवर्स के बाद
प्रबन्धन का बहिष्कार किया जाएगा। आम उपभोक्ताओं को कोई दिक्कत नहीं होने दी
जाएगी। एनर्जी टास्क फोर्स की हो रही
बैठक के एजेंडा पर संघर्ष समिति ने दो बिंदुओं पर आपत्तियां दर्ज की हैं। संघर्ष
समिति की पहली आपत्ति है कि एनर्जी टास्क फोर्स की मीटिंग में अवैध ढंग से नियुक्त
किए गए ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट थॉर्टन द्वारा स्ट्रेटजी पेपर/ बिडिंग
डॉक्यूमेंट का प्रस्तुतीकरण किया जाना है। संघर्ष समिति ने कहा कि ग्रांट थॉर्टन
द्वारा दिया गया झूठा शपथ पत्र प्रकाश में आने के बाद उसने स्वीकार कर लिया है कि
उसने झूठा शपथ पत्र दिया था। इसके साथ ही उसने यह भी स्वीकार कर लिया है कि उस पर
अमेरिका में पेनल्टी लगाई गई थी। इन दोनों आरोपों के स्वीकार कर लेने के बाद
पत्रावली पर इंजीनियर ऑफ द कॉन्ट्रैक्ट ने यह अनुशंसा की है कि ग्रांट थॉर्टन का
कंसल्टेंट के रूप में नियुक्ति का आदेश निरस्त कर दिया जाए। इस फाइल को विगत एक
माह से पावर कारपोरेशन के चेयरमैन दबाए बैठे हैं और कोई निर्णय नहीं ले रहे हैं।
ऐसी स्थिति में अवैध ढंग से नियुक्त किए गए ट्रांजैक्शन कंसल्टेंट द्वारा एनर्जी
टास्क फोर्स के सामने स्ट्रेटजी पेपर/ बिडिंग डॉक्यूमेंट का प्रस्तुतीकरण किया
जाना पूरी तरह से अवैधानिक है।
संघर्ष समिति की दूसरी आपत्ति 09 अप्रैल 2025 को भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय द्वारा जारी किए
गए ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट को लेकर है। संघर्ष समिति ने बताया कि 09 अप्रैल का कथित ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट
भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय की वेबसाइट पर नहीं है और पब्लिक डोमेन में भी
नहीं है। इसके पूर्व भारत सरकार ने सितंबर 2020 में एक स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट का ड्राफ्ट जारी किया था, जिसे अभी तक
फाइनल नहीं किया गया है। यदि भारत सरकार ने 09 अप्रैल को कोई नया स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट का
ड्राफ्ट जारी किया है तो उसे सर्कुलेट किया जाना चाहिए और सभी स्टेक होल्डर्स की
उस पर आपत्ति मांगी जानी चाहिए। इसके पूर्व इस आधार पर पूर्वांचल विद्युत वितरण
निगम एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के बिडिंग डॉक्यूमेंट को फाइनल किया जाना
पूरी तरह से गलत होगा।
संघर्ष समिति ने टाटा पावर के प्रबंध निदेशक प्रवीर सिन्हा के मुंबई से जारी
किए गए वक्तव्य पर कड़ी आपत्ति व्यक्त की है। टाटा पॉवर के एमडी ने कहा है कि
हमारे डिस्कसन के आधार पर बिडिंग डॉक्यूमेंट तैयार किया गया है और टाटा पॉवर
पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की बिडिंग में भाग लेने के लिए तैयार है। संघर्ष
समिति ने कहा कि टाटा पावर के प्रबंध निदेशक का यह बयान पावर कारपोरेशन के चेयरमैन
और कार्पोरेट घरानों की मिलीभगत को पूरी तरीके से उजागर कर देता है।
निजीकरण के विरोध में वर्क टू रूल आंदोलन के साथ विद्युत जनपद मण्डल प्रांगण ऊर्जा भवन कार्यालय मेरठ में विरोध सभा में सभी बिजली कर्मचारियों ने निजीकरण
के विरुद्ध अपनी आवाज़ बुलंद की। इस मौके पर इं सीपी सिंह (सेवानिवृत), इं कृष्ण कुमार साराश्वत, इं निखिल कुमार, इं मानवेन्द्र सिंह, इं सौरभ कुमार, कपिल देव गौतम, जितेन्द्र कुमार, दीपक कश्यप, प्रदीप डोगरा, दिलमनी, मांगेराम, भूपेंद्र, कासिफ आदि उपस्थित रहे।
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