नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। निजीकरण के विरोध
में बिजली कर्मियों का तीन घंटे का व्यापक विरोध प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी रहा। संघर्ष
समिति ने पावर कार्पोरेशन प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि प्रबंधन निजीकरण की जिद पर अड़ा
हुआ है, हठवादी रवैया अपना रहा है और शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे बिजली कर्मियों पर
हड़ताल थोपना चाहता है। संघर्ष समिति ने जोर देकर कहा है कि निजीकरण की आड़ में अरबों
रुपए के घोटाले की तैयारी है।
संघर्ष समिति मेरठ के पदाधिकारियों
इं सीपी सिंह (सेवानिवृत), इं कृष्ण कुमार साराश्वत, इं निखिल कुमार, इं निशान्त त्यागी,
इं प्रगति राजपूत, कपिल देव गौतम, जितेन्द्र कुमार, विवेक सक्सेना, प्रदीप डोगरा आदि
ने कहा कि संघर्ष समिति की हड़ताल करने की अभी कोई नोटिस नहीं है, किन्तु पावर कारपोरेशन
के चेयरमैन, मुख्य सचिव को और शासन के बड़े अधिकारियों को पत्र भेजकर गुमराह कर रहे
हैं, कि बिजली कर्मी हड़ताल पर जाने वाले हैं। संघर्ष समिति ने कहा कि चेयरमैन के पत्र
के आधार पर जनपदों में जिला अधिकारियों द्वारा हड़ताल से निपटने की तैयारी के आदेश
जारी किए जा रहे हैं, जिससे अनावश्यक तौर पर ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशांति का वातावरण
बन रहा है। संघर्ष समिति ने कहा कि झूठा शपथ पत्र देने वाले ट्रांजैक्शन कंसलटेंट ग्रांट
थॉर्टन, जिस पर अमेरिका में पेनल्टी लगाई गई है, पर कार्यवाही करने के बजाय पावर कॉरपोरेशन
संविदा कर्मियों की बड़े पैमाने पर छटनी रहा है और टकराव का वातावरण बना रहा है। निजीकरण
के विरोध में आंदोलन के नए चरण में दूसरे दिन कार्य बहिष्कार के साथ ऊर्जा भवन कार्यालय
में हुई विरोध सभा में सभी बिजली कर्मचारियों ने निजीकरण के विरुद्ध अपनी आवाज़ बुलंद
की।
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