डॉक्टर रवीन्द्र राणा
नित्य संदेश, मेरठ। ग्रामीण पृष्ठभूमि से निकली बेटियों ने साबित कर दिया है कि शिक्षा और नारी शक्ति मिलकर समाज में बड़ा बदलाव ला सकती हैं।
मुज़फ्फरनगर की रिया सैनी ने पहले ही प्रयास में ऑल इंडिया रैंक 22 हासिल की और साबित किया कि संकल्प और मेहनत से कोई भी मंज़िल दूर नहीं. मुज़फ्फरनगर के गांव पूरा की श्रेया त्यागी ने 31वीं रैंक पाकर IAS बनने का सपना पूरा किया। शिक्षिका की बेटी की ये उपलब्धि पूरे गाँव के लिए गर्व का पल है।
जानसठ के शिखर मोघा ने पाई IAS में 171वीं रैंक. उनकी दो बड़ी बहनें पहले से ही इंजीनियर हैं।
मेरठ की शिवानी गुप्ता ने 71वीं रैंक के साथ तीसरे प्रयास में UPSC परीक्षा पास की। बिना कोचिंग, सोशल मीडिया से दूरी और परिवार का मजबूत सपोर्ट – शिवानी की कहानी हर UPSC उम्मीदवार के लिए प्रेरणा है।
शामली की आयुषी चौधरी ने 290वीं रैंक हासिल कर दिखा दिया कि किसान की बेटी भी देश की प्रशासनिक व्यवस्था में अहम भूमिका निभा सकती है।
मेरठ के अभिनव शर्मा ने 130वीं रैंक के साथ IPS बनने का रास्ता चुना। उनके पिता खुद पुलिस थाने में तैनात हैं – अब बाप-बेटा प्रशासनिक सेवा में एक नई मिसाल पेश करेंगे।
सहारनपुर की कोमल पुनिया ने पूरे देश में धमाल मचाते हुए ऑल इंडिया 6वीं रैंक हासिल की! पिछली बार IPS, इस बार IAS – कोमल की लगन और सफलता काबिल-ए-तारीफ है।
बुलंदशहर के यमुनापुरम निवासी तुषार सिंह ने UPSC 2024 में 385वीं रैंक हासिल कर पहले ही प्रयास में IAS चयनित होकर जिले का नाम रोशन किया। 22 वर्ष की उम्र में बिना कोचिंग के मिली इस सफलता से तुषार युवाओं के लिए प्रेरणा बन गए हैं।
बीडीओ राजवीर सैनी के बेटे आयुष सैनी ने UPSC में 194वीं रैंक हासिल कर सहारनपुर के सरसावा का नाम रोशन किया। IAS बनने की राह में परिवार और पूर्व IAS श्रेया सिंघल का मिला मार्गदर्शन।
IAS बनी बड़ौत की श्वेता, UPSC में हासिल की 166वीं रैंक। पहले IFS में चयन, अब जिले का नाम रोशन किया।
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