सुंदरकांड के चौपाइयों से गूंजा श्री रामेश्वर राधा कृष्ण मंदिर परिसर
नित्य संदेश ब्यूरो
गंगानगर: श्री रामेश्वर राधा कृष्ण मंदिर का स्थापना दिवस बुधवार को सुंदरकांड की चौपाइयों एवं श्री राम, श्री राधा कृष्ण के जयकारों के साथ धार्मिक रीति रिवाज के साथ हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
इस अवसर पर मंदिर को रंगीन लाइटों एवं फूलों से सजाया गया शिव परिवार को रंगीन वस्त्र धारण कराए गए तो वहीं पवन पुत्र हनुमान जी को चोला चढ़ाया गया। स्थापना दिवस के अवसर पर आज भक्तों में भी बहुत उत्साह दिखाई दिया मंदिर में पूजा अर्चना करने के लिए सुबह से ही भक्तों का आना शुरू हो गया जहां भक्तों ने शिव परिवार की पूजा कर उनका आशीर्वाद लिया उसके पश्चात पवन पुत्र हनुमान की पूजा अर्चना की.
मंदिर समिति की सौजन्य से मंदिर परिसर में सुबह यज्ञ किया गया जिसमें सभी क्षेत्रवासियों ने आहुति दी इसके पश्चात दोपहर को एक विशाल भंडारे का आयोजन भी मंदिर समिति के द्वारा किया गया दोपहर को मंदिर परिसर में क्षेत्र की महिलाओं के द्वारा भजन कीर्तन का भी कार्यक्रम रखा गया जिसमें सुंदर-सुंदर माता की भेंटे एवं श्री राम, श्री राधा कृष्ण आदि के जयकारों से माहौल को पूरा भक्तिमय में बना दिया।
शाम को अश्विनी कुमार का सरगम म्यूजिकल ग्रुप के द्वारा सुंदरकांड का पाठ किया गया जिससे पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया सरगम ग्रुप के साथ सभी क्षेत्रवासियों ने सामूहिक रूप से सुंदर कांड का पाठ किया देर शाम तक भजनों के साथ सुंदरकांड का पाठ चला रहा सुंदरकांड पाठ के समापन पर सामूहिक महाआरती करी गई एवं प्रसाद का वितरण किया गया। सरगम म्यूजिकल ग्रुप में राजबाला, संजय शर्मा एवं पप्पू शर्मा के द्वारा बहुत सुंदर-सुंदर भजन भी गाये गए।
बताते चले कि पिछले वर्ष नवरात्रों में मंदिर परिसर में तेंदुए ने रात्रि विश्राम किया था जिसको बाद में वन विभाग की टीम के द्वारा पकड़ लिया गया था लेकिन नवरात्रों के दिनों में मंदिर परिसर में तेंदुआ आने से मंदिर में आने वालों की आस्था बहुत अधिक हो गई इतना ही नहीं अब मंदिर को तेंदुआ वाला मंदिर भी कहा जाने लगा.
श्री रामेश्वर राधा कृष्ण मंदिर की स्थापना दिवस पर विशेष रूप से विनय वत्स, देवेंद्र भारद्वाज, मुकेश मित्तल, राजवीर मलिक, नरेंद्र यादव, विजय सिंह, वरुण वशिष्ठ, सागर पार्चा, सुरेंद्र वर्मा ,आदित्य सिंह, विवेक बहादुर सिंह, विशाल, हर्ष जोशी, आलोक भारद्वाज, रविकांत भारद्वाज, कमलेश शर्मा, राजेश देवी, उषा शर्मा, मानसी, लीला देवी आदि का विशेष योगदान रहा।
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