सपना साहू
नित्य संदेश, इंदौर। प्रति वर्ष 23 अप्रैल को विश्व पुस्तक और कॉपीराइट दिवस मनाया जाता
है. उसी की महत्ता को समझते हुए वामा साहित्य मंच ने एक अलग हटकर आयोजन किया. मंच
ने उन सदस्यों को बोलने का अवसर दिया, जिनकी किताब प्रकाशित हो चुकी है.
मेरी किताब पर मेरी बात विषय पर आयोजित इस गोष्ठी में सदस्यों ने उत्साह से भाग लिया, इस आयोजन का उद्देश्य था कि जिन सखियों की किताब प्रकाशित नहीं हुई है वे भी प्रेरित हों और पुस्तक लाने के लिए तत्पर हों. साथ ही जिनकी पुस्तक आ चुकी हैं, वे सदस्य भी प्रोत्साहित हो और अपनी किताब की रचना प्रक्रिया से सबको अवगत करा सके.
इस अवसर पर अतिथि के रूप में मनीषा पाठक सोनी (एएसपी) शामिल हुईं. उन्होंने कहा कि पुस्तक दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित इस कार्यक्रम में शामिल होना अद्भुत अनुभव रहा. यह एक ऐसा अवसर रहा, जिसने स्वयं के अंदर की यात्रा का मार्ग प्रकाशित किया है. यह आयोजन स्वर्णिम स्मृतियों में दर्ज रहेगा. उन्होंने अपनी किताब लैंगिक अपराधों की वैज्ञानिक विवेचना और अटकन चटकन सुरक्षित बचपन पर भी प्रकाश डाला, जो पुलिस डायरी की सच्ची कहानियों से प्रेरित हैं.
30 से अधिक प्रतिभागियों ने अपनी किताब पर चर्चा की. कार्यक्रम
का संचालन मंजूषा मेहता ने किया, स्वागत सुशीला
डांगे और स्नेहा काले ने किया तथा आभार
सहसचिव डॉ. अंजना चक्रपाणि मिश्रा ने किया।
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