नित्य संदेश ब्यूरो
मेरठ। क्रांति नायक
धन सिंह कोतवाल की जन्म स्थली ग्राम पांचली खुर्द में तस्वीर सिंह चपराना के आवास पर
राष्ट्रीय प्रबुद्ध बौद्धिक संगोष्ठी का आयोजन हुआ।
संगोष्ठी में कार्यक्रम के अध्यक्ष अंतराम तंवर ने कहा कि सामाजिक
समरसता भारतीयता की पहचान है और गुर्जर समाज जम्मू कश्मीर से महाराष्ट्र तक
विभिन्न नाम में जैसे कुर्मी, पाटीदार आदि के नाम से रहता है। यह वह समाज है, जो सर्व समाज को अपने साथ
लेकर चलने की क्षमता रखता है। सर्व समाज उसकी इस विशेषता का सम्मान करता है। कार्यक्रम
के मुख्य अतिथि गुजरात सरकार के पूर्व गृहमंत्री गोवर्धन भाई झडपिया ने अपने
उद्बोधन में कहा कि भारत का सही इतिहास लिखा जाना चाहिए। यदि सही इतिहास लिखा गया
तो क्रांतिनायक धनसिंह कोतवाल जैसे अनेक क्रांतिकारियों को इतिहास में वह स्थान
मिलेगा, जिसके
वह हकदार है। अति विशिष्ट अतिथि सतीश भाई पटेल ने कहा कि सामाजिक समरसता, आर्थिक उत्थान के लिए एक
नई आर्थिक मॉडल पर काम करना होगा। यह नया आर्थिक मॉडल ही युवाओं को रोजगार देने का
कार्य करेगा। कार्यक्रम अध्यक्ष चौधरी अंतराम तवर ने कहा कि 1857 की क्रांति में हमारे
दिल्ली के गांव भी धन सिंह कोतवाल के साथ मिलकर लड़े थे।
कार्यक्रम संयोजक धनसिंह कोतवाल के प्रपोत्र तस्वीर सिंह चपराना ने विस्तार से
बताया कि बाबा धनसिंह कोतवाल ने 1857 की क्रांति में किस तरह से भारतीय सिपाहियों, देसी जनता और पुलिस को एकजुट करके अंग्रेजों को भारत से
खदेड़ने का काम किया। कार्यक्रम में डॉक्टर कलम सिंह, रामपाल सिंह, पूर्व प्रधानाचार्य नीरज पाल, प्रधानाचार्य देशपाल, प्रधानाचार्य संजीव नागर, बले सिंह, कैप्टन सुभाष चंद्र ने अपने विचार रखें।
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