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Tuesday, April 29, 2025

पहलगाम हमले में शहीद हुए लोगों पर राजनीति न करें अखिलेश: साध्वी निरंजन

 


नित्य संदेश एजेंसी

मेरठ। फतेहपुर की पूर्व सांसद और भाजपा नेत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने अखिलेश यादव पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, पहलगाम हमले में शहीद हुए कानपुर के शुभम द्विवेदी की शहादत पर सपा प्रमुख राजनीति न करें। वो बच्चा शहीद हुआ है। उसने तमाम जानें बचाई हैं। सपा प्रमुख भी मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उनके लिए प्रदेश की जनता अपनी होनी चाहिए। उन्हें पीड़ित परिवार से मिलने जाना चाहिए। राजनीति नहीं करनी चाहिए।

ये बातें मेरठ में एक राष्ट्र-एक चुनाव पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचीं साध्वी निरंजन ज्योति ने कहीं। उन्होंने कहा कि जो लोग शादी के बाद वहां पहलगाम में परिवार के साथ खुशियां मनाने गए थे। निहत्थे लोगों को हिंदू, मुसलमान कहकर गोलियां से भून देना, उनके कपड़े उतारकर देखा जाना फिर मार डालना, इससे ज्यादा बर्बरता नहीं हो सकती। पूरे विश्व ने इस घटना की निंदा की है। सरकार इन हमलावरों को नहीं छोड़ेगी। आतंकवादियों के ठिकानों के साथ किसी को भी सरकार नहीं छोड़ेगी। नेहा सिंह राठौर के वीडियो पर बातचीत करते हुए कहा कि देश में किसी पर व्यक्तिगत टीका टिप्पणी करना अलग विषय हो जाता है। लेकिन जिस तरह देश में पहलगाम की कायराना हरकत हुई है। जिसमें हमारे 28 लोग शहीद हुए हैं उसको ऐसा लिखना या उस पर ऐसे बोलना कि पाकिस्तान को एक अमृत मिल जाए ये गलत है। पाकिस्तान उसे X पर पोस्ट करने लगे तो ये देश के लिए खतरा है। ये अच्छा नहीं है। ये सरकार जो भी कर रही है ठीक कर रही है। देश में हमारी आपकी पटरी नहीं खाती, आप हमारे लिए बोलिए। लेकिन जहां आतंकवादियों ने देश के 28 लोगों को गोलियों से भून दिया। जो एक प्रदेश की नहीं बल्कि देश भर के हैं। जिनके हंसते, खेलते परिवार उजड़े तो उनके लिए इस तरह ट्रोल करना अच्छा नहीं है। मैं इसका विरोध करती हूं।

माता-पिता की गर्दन को नीचा न करें बेटियां

सौरभ हत्याकांड पर बात करते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं ये संस्कारों की गिरावट है। शिक्षा के साथ अभिभावकों को चाहिए कि वो बच्चों को संस्कार भी दें। संस्कार विहीन समाज में ये बातें होती हैं। समाज का भय, पुलिस का भय ये बेखौफ लोग करते हैं। ये नारी समाज के लिए एक कलंक भी बन जाता है। महिलाओं, बेटियों से मेरा आग्रह है कि आप शिक्षा प्राप्त करिए, उन्नति करिए लेकिन संस्कार भी लीजिए। मैं बेटियों से अनुरोध करूंगी कि अपने माता, पिता की इज्जत को ध्यान दें। उनकी गर्दन को नीचा न करें।

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