सपना साहू
नित्य संदेश, इंदौर। अप्रैल माह ऑटिज्म जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है, जिसमें
पूरे माह ऑटिज़्म के प्रति समाज में जागरूकता फैलाने हेतु विभिन्न संस्थाओं द्वारा
कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसी कड़ी में साकार श्री सोशल वेलफेयर सोसाइटी और
श्री आंजनेय स्पेशल नीड सॉल्यूशन के संयुक्त तत्वावधान में ऑटिज़्म डे पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का उद्देश्य ऑटिज़्म के प्रति लोगों को जागरूक करना एवं विशेष बच्चों
के अभिभावकों को सही समय पर बच्चों में ऑटिज़्म की पहचान और स्वीकृति तथा
प्रशिक्षण हेतु मार्गदर्शन करना था। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रसिद्ध
मनोवैज्ञानिक डॉ. एसके चावला और फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. मोनिका दुबे थीं। डॉ. चावला ने बताया कि ऑटिज़्म
कोई बीमारी नहीं, न्यूरोलॉजिकल अवस्था है, जिसमें बच्चों का सोचने, समझने एवं
प्रतिक्रिया का तरीका औरों से भिन्न होता है, यदि सही समय पर पहचान, थेरेपी एवं प्रशिक्षण प्रदान किया
जाए तो उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। डॉ. मोनिका ने कहा कि प्रारंभिक अवस्था में
पहचान के बाद सही पोश्चर हेतु फिजियोथेरेपी के द्वारा बच्चों में सुधार लाया जा
सकता है, जिससे वे स्वतंत्र एवं आत्मविश्वासी बन सकते हैं। कार्यक्रम
में लगभग 36 अभिभावकों ने भाग लिया। बच्चों ने गायन, नृत्य, ड्राइंग के द्वारा
अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। साकार श्री सोशल वेलफेयर सोसाइटी की संस्थापक डॉ. निधि गुप्ता विशेष युवाओं को
आत्मनिर्भर बनाने हेतु व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करती हैं। श्री आंजनेय स्पेशल नीड की संस्थापक अर्चना बिल्थरे ऑटिस्टिक बच्चों की
शीघ्र पहचान और शिक्षण प्रशिक्षण का कार्य करती है।
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